वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिकी वायुसेना के अत्याधुनिक बी-2 स्टील्थ बॉम्बर ने हाल ही में एक जटिल सैन्य अभियान को अंजाम देने के बाद सुरक्षित वापसी की है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ऑपरेशन के तहत बी-2 ने ईरान की तीन परमाणु साइटों को लक्षित कर बंकर बस्टर बम गिराए. इस पूरे मिशन में विमान लगभग 37 घंटे तक लगातार उड़ान में रहा. मिशन की सफलता के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पायलटों की सराहना की.
बी-2 बॉम्बर, जिसे नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ने विकसित किया है, अमेरिकी वायुसेना की रणनीतिक क्षमता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसकी पहली उड़ान 1989 में हुई थी और इसे 1997 में आधिकारिक रूप से सेवा में शामिल किया गया.
लंबी उड़ान के लिए विशेष सुविधाएं
बी-2 बॉम्बर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि लंबी दूरी के मिशनों में भी पायलटों को अधिक थकान न हो. कॉकपिट में रेफ्रिजरेटर और ओवन जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, ताकि भोजन को गर्म रखा जा सके. इसके अलावा विमान में एक विश्राम क्षेत्र और शौचालय की सुविधा भी मौजूद है.
विमान में दो पायलटों की आवश्यकता होती है, जो बारी-बारी से नियंत्रण संभालते हैं. सीटें आरामदायक हैं और लंबी उड़ान के दौरान पायलटों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई हैं.
तकनीकी विशेषताएं और ताकत
बी-2 बॉम्बर 69 फीट लंबा है और इसके पंखों का फैलाव 172 फीट तक है. इसका फ्लाइंग विंग डिज़ाइन और रडार-चूक तकनीक इसे स्टील्थ ऑपरेशंस के लिए आदर्श बनाते हैं. इसमें चार जनरल इलेक्ट्रिक F118-GE-100 टर्बोफैन इंजन लगे होते हैं, जो इसे 50,000 फीट से अधिक की ऊंचाई तक उड़ान भरने की क्षमता देते हैं.
बी-2 बॉम्बर लगभग 20 टन तक पेलोड ले जाने में सक्षम है, जिसमें बंकर बस्टर बम भी शामिल हैं — जो गहराई में बने सैन्य बंकरों को निशाना बना सकते हैं.
ईरान पर कार्रवाई: रणनीतिक निर्णय
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान के खिलाफ हमले से कुछ दिन पहले व्हाइट हाउस में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी. बैठक में बी-2 बॉम्बर की क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए इसे ऑपरेशन के लिए चुना गया. इसकी स्टील्थ तकनीक और भारी हथियार ले जाने की क्षमता इस चयन का प्रमुख कारण रही.
सुरक्षा सलाहकारों की सहमति के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अभियान को हरी झंडी दी.
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