फाइटर जेट्स, बंकर, एअरबेस सब धवस्त, अमेरिका के बाद इजरायल ने ईरान में मचाई तबाही, इतना हुआ नुकसान

    अमेरिकी कार्रवाई के कुछ दिनों बाद, अब इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने ईरान के विभिन्न हिस्सों में स्थित सैन्य हवाई अड्डों और मिसाइल स्थलों पर लक्षित हमले किए हैं.

    After America Israel wreaked havoc in Iran
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    तेल अवीव/तेहरान: इजरायल और ईरान के बीच जारी सैन्य तनाव अब और गहराता दिखाई दे रहा है. अमेरिकी कार्रवाई के कुछ दिनों बाद, अब इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने ईरान के विभिन्न हिस्सों में स्थित सैन्य हवाई अड्डों और मिसाइल स्थलों पर लक्षित हमले किए हैं. यह घटनाक्रम क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक नई चुनौती बनकर उभर रहा है.

    IDF की ओर से जारी बयान के अनुसार, इजरायली वायुसेना ने पश्चिमी, मध्य और पूर्वी ईरान में स्थित कम से कम छह एयरबेस पर सटीक हवाई हमले किए. इन अभियानों में 15 से अधिक रिमोट-नियंत्रित लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया.

    इजरायली सेना का दावा है कि इन हमलों में रनवे, भूमिगत बंकर, एक ईंधन टैंकर और ईरानी वायुसेना के कुछ विमान — जैसे कि F-14, F-5 और AH-1 — को नुकसान पहुंचाया गया है. IDF ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की गई एक तस्वीर में मेहराबाद (तेहरान), मशहद और देजफुल के हवाई अड्डों को लक्षित ठिकानों के रूप में दिखाया है.

    मिसाइल साइटों को बनाया निशाना

    IDF द्वारा टेलीग्राम पर साझा किए गए एक बयान में कहा गया है कि इजरायली खुफिया निदेशालय की जानकारी के आधार पर करमानशाह क्षेत्र में जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों के लॉन्च और स्टोरेज स्थलों को भी निशाना बनाया गया.

    इजरायली अधिकारियों का कहना है कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य ईरान की सैन्य क्षमताओं को सीमित करना और इजरायल की सीमाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है.

    क्षेत्रीय सुरक्षा पर असर

    इजरायली सेना ने अपने बयान में यह भी दोहराया कि वह क्षेत्रीय शांति और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगी. बयान में कहा गया, “हम ईरानी सैन्य गतिविधियों पर करीबी निगरानी रखे हुए हैं और जरूरत पड़ने पर आगे भी कार्रवाई जारी रखेंगे.”

    इस बीच, क्षेत्र में बढ़ती सैन्य कार्रवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता भी गहराने लगी है. मध्य पूर्व की स्थिरता के लिए यह एक नाजुक मोड़ माना जा रहा है.

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