Apple ने ट्रंप को दिखाया ठेंगा! भारत में शुरू किया iPhone 17 का प्रोडक्शन, बनाया एक और नया प्लांट

    दुनिया की अग्रणी टेक्नोलॉजी कंपनी Apple अब भारत में iPhone निर्माण को और अधिक गति देने जा रही है.

    Apple starts production of iPhone 17 in India
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    नई दिल्ली: दुनिया की अग्रणी टेक्नोलॉजी कंपनी Apple अब भारत में iPhone निर्माण को और अधिक गति देने जा रही है. अमेरिकी दबाव और चीन में बदलती परिस्थितियों के बीच Apple ने रणनीतिक निर्णय लेते हुए भारत में अपने उत्पादन का दायरा और बढ़ा दिया है.

    ताजा खबर के मुताबिक, Apple के लिए iPhone बनाने वाली ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Foxconn ने बेंगलुरु के पास देवनहल्ली में अपने नए प्लांट में iPhone 17 का निर्माण शुरू कर दिया है. यह फैक्ट्री Foxconn की भारत में दूसरी सबसे बड़ी निर्माण इकाई होगी.

    Foxconn की नई इकाई में शुरू हुआ उत्पादन

    सूत्रों की मानें तो इस प्लांट में फिलहाल iPhone-17 का निर्माण छोटे स्तर पर शुरू हुआ है, और आने वाले महीनों में इसका दायरा बढ़ाया जाएगा. Foxconn पहले से ही चेन्नई के पास स्थित श्रीपेरंबदूर प्लांट में iPhone का उत्पादन कर रही है.

    देवनहल्ली प्लांट पर करीब 2.8 अरब डॉलर (लगभग 25,000 करोड़ रुपये) का निवेश किया गया है. Apple और Foxconn ने अभी तक इस नए प्रोजेक्ट पर सार्वजनिक रूप से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन जानकार सूत्रों ने पुष्टि की है कि उत्पादन की प्रक्रिया चालू हो चुकी है.

    iPhone 17 की मैन्युफैक्चरिंग में आई थी बाधा

    कुछ समय पहले iPhone-17 के उत्पादन में अस्थायी रुकावट आई थी, जब चीन से आए सैकड़ों इंजीनियर अचानक लौट गए थे. इस स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए Foxconn ने ताइवान और अन्य देशों से तकनीकी विशेषज्ञों को बुलाया, जिससे उत्पादन प्रक्रिया फिर से पटरी पर आ गई.

    Apple ने भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को लेकर पहले से ही बड़ी योजना बनाई हुई है. कंपनी का लक्ष्य है कि 2025 तक भारत में iPhone का उत्पादन छह करोड़ यूनिट तक पहुंचाया जाए, जो पिछले वर्ष (2024-25) में लगभग 3.5 से 4 करोड़ यूनिट के आसपास था.

    Apple के भारत में बढ़ते कदम

    Apple ने हाल ही में अपनी वित्तीय रिपोर्ट में उल्लेख किया कि भारत में उसके iPhone उत्पादन में 60% की वृद्धि दर्ज की गई है. 31 मार्च, 2025 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान भारत से 22 अरब डॉलर मूल्य के iPhone असेंबल किए गए.

    भारत से अमेरिका तक iPhone की सप्लाई

    Apple के CEO टिम कुक ने जुलाई 2025 में अपनी तिमाही वित्तीय रिपोर्ट में खुलासा किया कि अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhone अब भारत से भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “जून तिमाही के दौरान अमेरिका में बिकने वाले iPhone मुख्य रूप से भारत में निर्मित थे.”

    यह पहली बार है जब Apple ने भारत को अपने अमेरिकी बाजार के लिए प्राथमिक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्वीकार किया है. यह संकेत देता है कि भारत अब केवल एशियाई बाजारों के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

    भारत में Apple की बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी

    2025 की जून तिमाही में Apple की भारतीय बाजार में हिस्सेदारी 7.5% रही, जो साल-दर-साल आधार पर काफी उछाल दर्शाता है. इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) की रिपोर्ट के अनुसार, इस तिमाही में भारत में Apple की आपूर्ति में 19.7% की वृद्धि देखी गई.

    हालांकि, भारतीय स्मार्टफोन बाजार में अभी भी चीन की कंपनी वीवो 19% मार्केट शेयर के साथ शीर्ष पर बनी हुई है, लेकिन Apple का लगातार बढ़ता ग्राफ यह दर्शाता है कि प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट में Apple की पकड़ मजबूत हो रही है.

    भारत: नया मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस

    Apple की भारत में विस्तार की योजना सिर्फ उत्पादन तक सीमित नहीं है. कंपनी यहां एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार कर रही है, जिसमें प्रशिक्षित मानव संसाधन, स्थानीय कंपोनेंट सप्लायर्स और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को शामिल किया जा रहा है.

    Foxconn, Pegatron, और Wistron जैसी ताइवानी कंपनियों ने भारत में अपने संचालन को तेज किया है, जिनमें से कई अब iPhone के अलावा अन्य Apple उत्पादों की असेंबली पर भी काम कर रही हैं.

    ट्रंप की चेतावनी और चीन पर निर्भरता से मुक्ति

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कंपनियों को भारत और अन्य देशों में उत्पादन सीमित करने की सलाह दी थी, खासकर तब जब अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध चरम पर था. लेकिन Apple ने इसके विपरीत कदम उठाते हुए भारत में अपने निवेश को बढ़ा दिया है.

    इसके पीछे एक बड़ा कारण चीन में ऊंची मजदूरी, सख्त रेगुलेशन और भू-राजनीतिक अनिश्चितता है. Apple अब अपने उत्पादन को चीन पर निर्भरता से हटाकर भारत जैसे देशों में विविधीकृत करना चाहती है.

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