'राहुल गांधी LoP से LoB बन गए हैं, लीडर अपोजिंग भारत'... अनुराग ठाकुर ने नेता प्रतिपक्ष पर साधा निशाना

    संसद का मानसून सत्र सोमवार को एक बार फिर तीखे आरोप-प्रत्यारोप का गवाह बना, जब लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर सीधे निशाने साधे.

    Anurag Thakur targeted the Leader of Opposition Rahul Gandhi
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र सोमवार को एक बार फिर तीखे आरोप-प्रत्यारोप का गवाह बना, जब लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर सीधे निशाने साधे. ठाकुर ने विपक्ष के नेता को न केवल भारत-विरोधी मानसिकता वाला बताया, बल्कि कांग्रेस को पाकिस्तान की लाइन पर चलने वाला दल भी कहा.

    उनकी पूरी तक़रीर में कई बार ऐसा लगा जैसे वे पाकिस्तान से ज़्यादा कांग्रेस को लेकर चिंतित हैं, और बार-बार यह सवाल उठाते रहे कि क्या राहुल गांधी वास्तव में विपक्ष के नेता हैं या भारत के विरुद्ध खड़े होने वाले किसी छद्म नैरेटिव के प्रतिनिधि?

    LoP से LoB तक: राहुल गांधी को लेकर तीखा कटाक्ष

    सदन में बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, "राहुल गांधी अब LoP (Leader of Opposition) नहीं, बल्कि LoB (Leader Opposing Bharat) बन गए हैं. वे अब विपक्ष के नेता नहीं, बल्कि भारत का विरोध करने वाले नेता हैं."

    उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पिछले दो चुनावों में राहुल गांधी को जनता ने इतना जनादेश भी नहीं दिया कि वे विपक्ष का पद पा सकें, और अब जब उन्हें विपक्ष का नेतृत्व मिला है, तो वे उस पद की गरिमा को निभाने के बजाय भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले बयानों और गतिविधियों में लगे हैं.

    पाकिस्तान का पोस्टर ब्वॉय बन गए हैं राहुल गांधी

    अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी को पाकिस्तान के प्रचार तंत्र का हिस्सा बताते हुए कहा कि पाकिस्तान के टीवी चैनलों और सरकार के प्रोपेगेंडा में राहुल गांधी के भाषणों और बयानों का लगातार उपयोग हो रहा है.

    उन्होंने कहा, "हमें नहीं पता कि राहुल गांधी कांग्रेस के पोस्टर बॉय हैं या नहीं, लेकिन यह तय है कि वे पाकिस्तान प्रोपेगेंडा के पोस्टर बॉय बन चुके हैं."

    ठाकुर ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान की सेना और आतंकी समूह उनके भाषणों की क्लिप्स को अपने हित में दुनिया भर में प्रचारित कर रहे हैं, जिससे भारत की विदेश नीति और सुरक्षा रणनीति को सीधा नुकसान हो रहा है.

    भारत अब डोजियर नहीं, डोज देता है

    पाकिस्तान पर टिप्पणी करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह नया भारत है. “अब भारत पाकिस्तान को डोजियर नहीं देता, बल्कि ‘डोज’ देता है.”

    उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत को आज विश्व का सबसे लोकप्रिय और निर्णायक नेता मिला है, और उसी के नेतृत्व में भारत सुरक्षा, कूटनीति और प्रतिरोध के तीनों मोर्चों पर मजबूती से खड़ा है.

    ठाकुर ने यह भी कहा कि भारत फिलहाल “ढाई मोर्चे” पर युद्ध लड़ रहा है—एक पाकिस्तान, दूसरा चीन और तीसरा "राहुल ऑक्यूपाइड कांग्रेस". यानी कांग्रेस, जो देश के अंदर ही भारत की सुरक्षा और विदेश नीति के खिलाफ खड़ी नजर आती है.

    कांग्रेस नेता सेना प्रमुख को 'सड़क का गुंडा' कहते हैं

    बीजेपी सांसद ने अपने भाषण में इस बात को लेकर भी विरोध जताया कि कांग्रेस नेताओं ने भारत के थलसेनाध्यक्ष पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने मांग की कि राहुल गांधी को इस सदन में खड़े होकर माफी मांगनी चाहिए.

    ठाकुर ने कहा "जिस सेना ने डोकलाम, बालाकोट और गलवान में अपना पराक्रम दिखाया, उसी सेना के प्रमुख के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल केवल वोटबैंक की राजनीति नहीं, बल्कि गद्दारी के समान है."

    INC या इस्लामाबाद नेशनल कांग्रेस?

    ठाकुर के भाषण का सबसे तीखा हिस्सा तब आया जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी को सीधे पाकिस्तान से जोड़ते हुए कहा, "आज कांग्रेस को INC नहीं, बल्कि इस्लामाबाद नेशनल कांग्रेस कहा जाना चाहिए."

    उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के बजाय कांग्रेस के कई नेता ऐसे बयानों की प्रतिस्पर्धा में लगे थे जो पाकिस्तान के पक्ष में जाएं. उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है मानो इस सदन में कुछ लोग पाकिस्तान की सेना की नज़र में ‘प्रिय वक्ता’ बनने की होड़ में हैं."

    उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता जानबूझकर ऐसे वक्तव्य दे रहे हैं जो सीमा पार इस्तेमाल किए जाते हैं और भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नुकसान पहुंचाते हैं.

    क्या राष्ट्रहित अब विपक्ष का एजेंडा नहीं?

    अनुराग ठाकुर की इस ज़ोरदार तक़रीर के बाद लोकसभा का माहौल खासा गरमा गया. विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध दर्ज किया, जबकि सत्ता पक्ष ने मेज थपथपाकर समर्थन जताया.

    लेकिन इस पूरे प्रकरण में एक सवाल संसद में बार-बार उठता रहा—क्या आज का विपक्ष राष्ट्रहित के मुद्दों पर भी केवल सरकार का विरोध करना ही अपना कर्तव्य समझता है?

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