Amit Shah on Operation Sindoor: संसद के मानसून सत्र में मंगलवार को एक अहम बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा को लेकर कांग्रेस पर तीखे हमले किए. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि देश में आतंकवाद के बीज वोट बैंक की राजनीति से पनपे हैं, और इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति रही है.
शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उन्होंने 'भगवा आतंकवाद' जैसी झूठी अवधारणाएं गढ़ीं, जिससे बहुसंख्यक समाज को बदनाम किया जा सके. गृह मंत्री ने गर्व से कहा, "कोई भी हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता. कांग्रेस ने जानबूझकर हिंदुत्व को निशाना बनाया और देश की जनता ने इस झूठ को नकार दिया."
26/11 हमलों का जिक्र और दिग्विजय सिंह पर हमला
अमित शाह ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों की चर्चा करते हुए कहा कि उस वक्त कुछ लोग लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों की करतूतों का दोष भी हिंदू संगठनों पर मढ़ने की साजिश रच रहे थे. उन्होंने इस साजिश में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का नाम भी लिया और कहा कि यह सब वोट के लालच में किया गया.
मालेगांव केस और अफजल गुरु का मामला
गृह मंत्री के इस बयान का समय भी अहम है क्योंकि यह बयान मालेगांव विस्फोट मामले के कोर्ट के फैसले से ठीक पहले आया. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अभिनव भारत जैसे संगठनों को झूठे आरोपों में फंसाया गया और निर्दोषों को बदनाम किया गया. शाह ने आगे कहा कि "अफजल गुरु को समय पर फांसी नहीं दी गई क्योंकि उस वक्त पी. चिदंबरम गृह मंत्री थे. यह सब राजनीतिक समीकरण साधने के लिए किया गया."
'कांग्रेस की नीतियों ने आतंकवाद को बढ़ावा दिया'
ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीतियों ने देश की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर किया. उन्होंने दो टूक कहा, "अगर देश में आतंकवाद फैला है, तो उसके पीछे सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस की वोट बैंक पॉलिटिक्स है."
जम्मू-कश्मीर में बदलाव की तस्वीर पेश की
शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर भी विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि आज घाटी में हालात पूरी तरह बदल चुके हैं. बीते 6 महीनों में कोई भी कश्मीरी युवक आतंकवादी संगठनों में शामिल नहीं हुआ. जितने भी आतंकी मारे जा रहे हैं, वे पाकिस्तानी नागरिक हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी थे. पहले वहां मतदान के दौरान बोगस वोटिंग और मतपेटियों की हेराफेरी आम थी. एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से उन्होंने कहा, "पहले चुनाव में सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि मतपेटी भरवाना हमारा असली काम होता था."
'ऑपरेशन सिंदूर को पाकिस्तान के घुटने टेकने पर रोका'
अमित शाह ने पाकिस्तान को लेकर भी सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि भारत तभी कोई बातचीत करेगा जब आतंकवाद पूरी तरह समाप्त हो जाएगा. उन्होंने बताया कि "हमने ऑपरेशन सिंदूर इसलिए रोका क्योंकि पाकिस्तान ने युद्धविराम की अपील की थी. जब वे पूरी तरह दबाव में थे, घुटनों पर आ चुके थे, तब भारत ने मानवीयता दिखाई.
यह भी पढ़ें: 'जबरदस्ती दबाव वाला कदम', अमेरिका के टैरिफ वाले कदम पर भड़का ड्रैगन; दे डाला बड़ा बयान