सरकार ने बनाया ऐसा प्लेटफार्म जिससे एक जगह मिलेगी सभी खुफिया जानकारी, अमित शाह ने की शुरुआत, जानें

    भारत की आंतरिक सुरक्षा संरचना को और अधिक मजबूत, सटीक और समन्वित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, केंद्र सरकार ने आज नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में अत्याधुनिक मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) की शुरुआत की.

    Amit Shah Inaugurates The New Multi Agency Centre
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: भारत की आंतरिक सुरक्षा संरचना को और अधिक मजबूत, सटीक और समन्वित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, केंद्र सरकार ने आज नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में अत्याधुनिक मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) की शुरुआत की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस आधुनिक सुविधा का उद्घाटन किया, जो आतंकवाद, उग्रवाद, साइबर हमलों और संगठित अपराध जैसे गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए एक केंद्रीय मंच के रूप में काम करेगा.

    क्या है नया MAC?

    यह नया MAC, पहले से मौजूद 2001 के मॉडल की तुलना में कई गुना अधिक उन्नत है. लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया यह सेंटर, देश की प्रमुख खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों – जैसे आईबी, सीबीआई, दिल्ली पुलिस, बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और सभी राज्य पुलिस बलों – को एक साझा प्लेटफार्म पर जोड़ता है.

    इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य केवल जानकारी का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि इंटेलिजेंस इनपुट पर रियल-टाइम में समन्वित कार्रवाई को भी सुनिश्चित करना है.

    गृह मंत्री अमित शाह का संबोधन:

    गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "आधुनिक सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए हमारी रणनीति को भी आधुनिक होना होगा. नया MAC, डेटा, तकनीक और संवाद – तीनों के समन्वय से एक मजबूत सुरक्षा ढांचा निर्मित करेगा."

    उन्होंने हाल ही में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर हुए कर्रेगुट्टा ऑपरेशन और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए कहा कि इन अभियानों में जो सुरक्षा बलों का समन्वय देखने को मिला, वह नया मानक स्थापित करता है. उन्होंने इस नए MAC को उसी सोच का संस्थागत विस्तार बताया.

    बदलेगा सुरक्षा संचालन का तरीका

    नया MAC केवल सूचना का भंडार नहीं, बल्कि डेटा एनालिटिक्स, ट्रेंड एनालिसिस और रियल-टाइम रिस्पॉन्स जैसे आधुनिक उपकरणों से लैस है:

    • हॉटस्पॉट मैपिंग के जरिए संवेदनशील इलाकों की पहचान
    • टाइमलाइन एनालिसिस से घटनाओं का पूर्वानुमान
    • संगठित अपराध और आतंक नेटवर्क के बीच संबंधों की गहराई से पहचान
    • साइबर खतरों का त्वरित आकलन और प्रतिक्रिया

    इस प्लेटफॉर्म से उत्पन्न डाटा न केवल खुफिया मूल्य रखता है, बल्कि यह नीति निर्धारण और रणनीतिक फैसलों में भी सहायक होगा.

    एक राष्ट्र, एक नेटवर्क, एक दृष्टिकोण

    नए MAC के माध्यम से भारत सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में ‘एकीकृत दृष्टिकोण’ को मजबूत कर रही है. गृह मंत्री ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि विभिन्न एजेंसियों के पास जो डेटा बेस हैं, उन्हें इस साझा प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाना चाहिए. इससे सूचना की सटीकता और गहराई में भारी सुधार होगा.

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