क्या मस्क बदल पाएंगे अमेरिका की दो-दलीय राजनीति? अपनी पार्टी का ऐलान कर मचाई हलचल

    American Party: टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक, टेक्नोलॉजी की दुनिया के सबसे चर्चित नामों में से एक एलन मस्क अब अमेरिका की राजनीति में भी एक बड़ा कदम उठा चुके हैं. लंबे समय से डोनाल्ड ट्रंप के साथ तीखी बहसों और राजनीतिक बयानबाज़ी में उलझे मस्क ने आखिरकार अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी का ऐलान किया है.

    American Party Can elon musk change the us political scenario
    Image Source: Social Media

    American Party: टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक, टेक्नोलॉजी की दुनिया के सबसे चर्चित नामों में से एक एलन मस्क अब अमेरिका की राजनीति में भी एक बड़ा कदम उठा चुके हैं. लंबे समय से डोनाल्ड ट्रंप के साथ तीखी बहसों और राजनीतिक बयानबाज़ी में उलझे मस्क ने आखिरकार अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी – 'अमेरिकन पार्टी' – के गठन का ऐलान कर दिया है.

    इस नई पार्टी के एलान के साथ ही अमेरिकी राजनीति में नई बहस छिड़ गई है. एक ओर जहां दो पारंपरिक दल – डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स – दशकों से सत्ता के केंद्र में हैं, वहीं मस्क की एंट्री को एक 'थर्ड फ्रंट' की तरह देखा जा रहा है.

    क्या एलन मस्क बदल पाएंगे अमेरिका की दो-दलीय राजनीति?

    हालांकि, अमेरिका एक बहुदलीय लोकतंत्र है, लेकिन हकीकत यह है कि यहां की राजनीति दो ही दलों – डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन – के इर्द-गिर्द घूमती रही है. थर्ड पार्टीज़ जैसे ग्रीन पार्टी, लिबर्टेरियन पार्टी और कॉनस्टिट्यूशन पार्टी ने चुनावों में हिस्सा तो लिया है, लेकिन कभी निर्णायक भूमिका में नहीं आ सकीं. छोटे दलों के लिए राष्ट्रपति चुनाव लड़ना बेहद खर्चीला और तकनीकी रूप से जटिल होता है. इन दलों को वोटिंग बैलेट में शामिल होने के लिए भारी संख्या में रजिस्ट्रेशन और हस्ताक्षर जुटाने पड़ते हैं, जबकि डेमोक्रेट और रिपब्लिकन उम्मीदवार सीधे बैलेट पर शामिल हो जाते हैं.

    फंडिंग और फेडरल सपोर्ट भी बड़ी चुनौती

    राष्ट्रपति चुनावों के लिए सरकारी फंडिंग उन्हीं पार्टियों को मिलती है जिनका पिछली बार का वोट प्रतिशत 5% से अधिक रहा हो. यानी एलन मस्क की पार्टी को पहले चुनाव में बिना किसी संघीय मदद के मैदान में उतरना होगा, जो उन्हें दूसरी पार्टियों की तुलना में कमजोर शुरुआत दिला सकता है.

    क्या मस्क सिर्फ वोट काटेंगे या असली टक्कर देंगे?

    इतिहास गवाह है कि कई बार थर्ड पार्टी के उम्मीदवार मुख्य दलों के वोट बैंक में सेंध लगाकर चुनावी समीकरण बदल चुके हैं. 1912 में थियोडोर रूज़वेल्ट की ‘प्रोग्रेसिव पार्टी’ ने रिपब्लिकन वोट बांटे और डेमोक्रेट वुडरो विल्सन जीत गए. 2000 में राल्फ नादर के मैदान में होने से अल गोर की हार और जॉर्ज बुश की जीत हुई. मस्क की अमेरिकन पार्टी क्या इसी श्रेणी में आएगी या खुद निर्णायक ताकत बनेगी, ये आने वाला वक्त बताएगा.

    अमेरिकन पार्टी: मस्क का मिशन 'खोई हुई आजादी' वापस लाना

    एलन मस्क का कहना है कि उनकी पार्टी "अमेरिकियों को वह स्वतंत्रता वापस दिलाएगी जो उन्होंने खो दी है." उनके इस बयान को ट्रंप के खिलाफ सीधी चुनौती माना जा रहा है. मस्क के समर्थकों को उम्मीद है कि यह पार्टी न सिर्फ राजनीतिक विकल्प देगी, बल्कि टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और पॉलिसी में नई दिशा भी तय करेगी.

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