भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की गूंज अब पाकिस्तान के भीतर गहराई तक महसूस की जा रही है. जहां पहले यह अनुमान था कि भारतीय वायु हमलों में सीमित क्षति हुई है, वहीं अब पाकिस्तानी वायुसेना (PAF) और मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (MES) द्वारा जारी किए गए टेंडरों ने यह साफ कर दिया है कि नुकसान काफी व्यापक और गंभीर है.
मरम्मत के लिए जारी हुईं निविदाएं
भारतीय हमलों के बाद, पाकिस्तान ने वायुसेना के 21 प्रमुख ठिकानों के लिए मरम्मत, अपग्रेड और उपकरणों की रिप्लेसमेंट हेतु निविदाएं (टेंडर) जारी की हैं. इनमें हवाई प्लेटफॉर्म, बेस-लेवल सपोर्ट सिस्टम और लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं. ये टेंडर अब इस बात का संकेत दे रहे हैं कि भारत की हवाई कार्रवाई कितनी सटीक और गहन थी.
F-16 ऑपरेशनल तैयारी पर सीधा असर
द संडे गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, जैकोबाबाद स्थित शाहबाज एयरबेस ने हाल ही में फायरिंग रेंज के पुनर्निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं. यह बेस पाकिस्तान के अमेरिकी F-16 फाइटर जेट बेड़े का प्रमुख अड्डा है. टेंडर की तत्काल प्रकृति और रिकवरी पर फोकस यह दर्शाता है कि इस बेस की कार्यक्षमता भारतीय हमले से प्रभावित हुई है, विशेष रूप से प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को.
JF-17 और C-130 प्लेटफॉर्म्स को भारी क्षति
इस्लामाबाद के निकट स्थित नूर खान एयरबेस की ओर से जारी टेंडरों में चीनी JF-17 फाइटर जेट और C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की मरम्मत का उल्लेख है. टेंडर में शामिल हैं: सर्वाइवल रेडियो टेस्टर, एयरफ्रेम एक्सेसरीज़, बैटरियाँ, और डिजिटल कम्युनिकेशन सिस्टम – यह सब लॉजिस्टिक नेटवर्क और ग्राउंड ऑपरेशंस में गहरी सेंध की ओर इशारा करता है.
वीआईपी और निगरानी विमानों पर असर
इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तान एयरफोर्स मुख्यालय से जारी निविदाओं में DA-20 फिक्स्ड-विंग विमान और AW-139 हेलीकॉप्टरों की मरम्मत का ज़िक्र है. ये प्लेटफॉर्म कमांड मोबिलिटी और वीआईपी मूवमेंट के लिए प्रयोग होते हैं. इन पर हुए हमले रणनीतिक और प्रतीकात्मक दोनों तरह के नुकसान को दर्शाते हैं.
साइबर सुरक्षा भी बनी चिंता का विषय
हमले के बाद पाकिस्तानी सैन्य तंत्र की एक और चिंता उभरकर सामने आई है — साइबर सुरक्षा. पीएएफ द्वारा नेटवर्क की अखंडता और लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए साइबर टेस्टिंग की निविदाएं निकाली गई हैं. यह इंगित करता है कि भारतीय स्ट्राइक ने केवल फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं, बल्कि डिजिटल नेटवर्क पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
सरगोधा और मियांवाली बेस
पंजाब स्थित सरगोधा एयरबेस ने रनवे की मरम्मत के लिए निविदाएं जारी की हैं, जो सीधे तौर पर बड़े हमले का संकेत देती हैं. इसी प्रकार मियांवाली के एमएम आलम बेस से भी कई तकनीकी और आधारभूत संरचनाओं के लिए टेंडर निकाले गए हैं.
ये भी पढ़ेंः 79 सबमरीन, 14 पनडुब्बियां, 222 वॉरशिप... समंदर में कौन-सी खतरनाक प्लानिंग कर रहे पुतिन? ट्रंप की बढ़ी टेंशन