पश्चिम एशिया में हालात तेजी से बदल रहे हैं. इजरायल द्वारा ईरान के ठिकानों पर किए गए हालिया हमले के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया है. ऐसे में खाड़ी देशों से संभावित जवाबी कार्रवाई की आशंका को देखते हुए अमेरिका ने सतर्कता बढ़ा दी है. ताजा जानकारी के अनुसार, अमेरिका ने अपने नौसैनिक संसाधनों को पश्चिम एशिया की ओर रवाना कर दिया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके.
यूएसएस थॉमस हडनर को पूर्वी भूमध्य सागर की ओर भेजने के आदेश
अमेरिकी नौसेना ने डिस्ट्रॉयर युद्धपोत यूएसएस थॉमस हडनर को पूर्वी भूमध्य सागर की ओर भेजने के आदेश दिए हैं, जबकि एक अन्य डिस्ट्रॉयर को भी तत्पर रहने को कहा गया है. अमेरिकी रक्षा अधिकारियों का कहना है कि इन कदमों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि जरूरत पड़ने पर व्हाइट हाउस के निर्देश पर अमेरिका तुरंत सैन्य सहायता दे सके.
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस गंभीर स्थिति पर चर्चा करने के लिए अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है.
इस बीच अमेरिकी मीडिया ने दावा किया है कि इजरायल को ईरान पर हमले में अमेरिका की 'एक्सक्लूसिव' और 'एक्सक्विजिट' यानी बेहद सटीक खुफिया जानकारी मिली, जिससे उसे बढ़त हासिल हुई. हालांकि, अमेरिका ने इस हमले में सीधे तौर पर कोई सैन्य भूमिका नहीं निभाई, लेकिन उसके खुफिया सहयोग की भूमिका अहम मानी जा रही है.
इजरायल के साथ खड़ा रहेगा अमेरिका
अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो ने बयान दिया है कि यदि ईरान की ओर से बैलिस्टिक मिसाइलों से जवाबी हमला होता है, तो अमेरिका इजरायल की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने साफ किया कि अमेरिका इस टकराव को लेकर बेहद गंभीर है और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा.
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ दिन काफी नाजुक हो सकते हैं, क्योंकि ईरान की ओर से तीव्र और लगातार जवाबी हमलों की आशंका जताई जा रही है. अमेरिका और उसके सहयोगी देश इस पूरे घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए हैं.
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