वॉशिंगटन: अमेरिका ने एक बार फिर अपनी रणनीतिक परमाणु ताकत का प्रदर्शन करते हुए LGM-30G मिनटमैन III अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया है. यह परीक्षण कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से किया गया. अमेरिका की वायुसेना के ग्लोबल स्ट्राइक कमांड के तहत की गई इस लॉन्चिंग को सिंगल मार्क-21 हाई फ़िडेलिटी री-एंट्री व्हीकल के साथ अंजाम दिया गया — जो मिसाइल की क्षमता को और अधिक प्रभावशाली बना देता है.
मिनटमैन III-
रेंज: लगभग 10,000 किमी
गति: 24,000 किमी प्रति घंटे
वारहेड्स: 3 न्यूक्लियर वारहेड ले जाने में सक्षम
इंजन: तीन स्टेज सॉलिड-फ्यूल मोटर (ATK M55A1, SR-19, SR-73)
वजन: 36,030 किलोग्राम
निर्माता: बोइंग डिफेंस
यूनिट कॉस्ट: करीब 7 मिलियन डॉलर
एक्टिव यूनिट्स: 530
क्या है इसकी रणनीतिक अहमियत?
मिनटमैन III को अमेरिका की परमाणु "त्रि-स्तरीय रक्षा रणनीति" (Nuclear Triad) के एक अहम स्तंभ के रूप में देखा जाता है, जिसमें भूमि, समुद्र और वायु-आधारित परमाणु क्षमता शामिल है. यह मिसाइल इतनी तेज और उच्च तकनीक से लैस है कि मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम भी इसे रोक पाना मुश्किल पाते हैं.
टेस्ट का उद्देश्य और संदेश
अमेरिकी वायुसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह परीक्षण नियमित अभ्यास का हिस्सा है और इसका उद्देश्य मौजूदा वैश्विक हालात को जवाब देना नहीं, बल्कि अमेरिका की परमाणु निवारक ताकत की विश्वसनीयता को प्रमाणित करना है.
कमांडर जनरल थॉमस बुसीयर ने कहा, "यह परीक्षण दर्शाता है कि हमारी मिसाइल फोर्स तैयार है और किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम है. हमारी सुरक्षा सिर्फ तकनीक पर नहीं, बल्कि समर्पित एयरमैन, मिसाइल ऑपरेटर, डिफेंडर और उनकी सपोर्ट टीमों पर भी निर्भर है."
परीक्षण की निगरानी और संचालन
इस परीक्षण की जिम्मेदारी 377वें परीक्षण और मूल्यांकन समूह को सौंपी गई थी. यह अमेरिका का एकमात्र संगठन है जो विशेष रूप से ICBM सिस्टम का परीक्षण करता है. टीम का उद्देश्य मिसाइल सिस्टम की सटीकता, विश्वसनीयता और दीर्घकालिक क्षमता को मापना है.
तकनीक और नामकरण की गहराई
भविष्य की दिशा
यह परीक्षण उस समय किया गया है जब दुनिया कई तरह की सैन्य और भू-राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रही है. अमेरिका का यह कदम साफ तौर पर न्यूक्लियर डिटरेंस (परमाणु निवारण) को मजबूत करने और अपने सहयोगियों को आश्वस्त करने के इरादे से लिया गया है.
हालांकि, अमेरिका ने यह स्पष्ट किया है कि यह परीक्षण किसी विशेष देश या घटना की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह उसकी दीर्घकालिक नीति और सैन्य तत्परता का हिस्सा है.
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