ईरान के साथ तनातनी के बीच अमेरिका का बड़ा कदम, बहरीन के साथ किया परमाणु समझौता

    मिडिल ईस्ट में तनाव और ईरान के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम के बीच बहरीन ने एक महत्वपूर्ण और चौंकाने वाला कदम उठाया है.

    America signs nuclear deal with Bahrain
    डोनाल्ड ट्रंप | Photo: ANI

    मिडिल ईस्ट में तनाव और ईरान के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम के बीच बहरीन ने एक महत्वपूर्ण और चौंकाने वाला कदम उठाया है. हाल ही में, बहरीन और अमेरिका के बीच एक सिविल न्यूक्लियर कोऑपरेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि इसका बड़ा राजनीतिक और रणनीतिक महत्व भी है. यह समझौता अमेरिका द्वारा ईरान को एक अप्रत्यक्ष संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें यह संकेत दिया गया है कि अगर ईरान सहयोगी रवैया अपनाता है, तो उसे भी ऐसा सहयोग मिल सकता है.

    अमेरिका से मिलेगा तकनीकी और प्रशिक्षण का सहयोग

    इस समझौते के तहत, अमेरिका बहरीन को परमाणु ऊर्जा से संबंधित तकनीक, रिसर्च, सुरक्षा प्रोटोकॉल और कौशल विकास में सहयोग देगा. बहरीन ने 2060 तक खुद को कार्बन न्यूट्रल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, और इसके लिए वह क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में गंभीर प्रयास कर रहा है. इस समझौते को बहरीन के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है, जो उसे अपनी ऊर्जा जरूरतों को सस्टेनेबल तरीके से पूरा करने में मदद करेगा.

    SMRs: छोटे देश की बड़ी उम्मीद

    बहरीन जैसे छोटे देश के लिए, Small Modular Reactors (SMRs) एक गेमचेंजर साबित हो सकते हैं. SMRs सस्ते, कॉम्पैक्ट और आसानी से इंस्टॉल किए जाने वाले रिएक्टर होते हैं, जो छोटे देशों के लिए परमाणु ऊर्जा का उपयोग करना अधिक संभव बनाते हैं. जैसे UAE ने तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से अपने SMRs को सफलतापूर्वक चलाया है, वैसे ही बहरीन भी इसी रास्ते पर आगे बढ़ने की योजना बना रहा है.

    निवेश की नई राह

    इस न्यूक्लियर समझौते के साथ ही बहरीन ने अमेरिका में लगभग 17 अरब डॉलर के निवेश की भी घोषणा की है. यह निवेश कई क्षेत्रों में होगा, जिनमें एविएशन, टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रीज शामिल हैं. इसके अलावा, एक 800 किलोमीटर लंबा सबमरीन फाइबर ऑप्टिक केबल प्रोजेक्ट भी सामने आया है, जो बहरीन को सऊदी अरब, कुवैत और इराक से जोड़ने का काम करेगा. इससे न सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र को लाभ होगा, बल्कि इन देशों के बीच व्यापार और संचार के अवसर भी बढ़ेंगे.

    अमेरिका-बहरीन संबंधों की मजबूती

    अमेरिका और बहरीन के बीच रिश्ते दशकों से मजबूत रहे हैं. अमेरिकी नेवी की Fifth Fleet का मुख्यालय बहरीन में स्थित है और दोनों देशों के बीच पहले ही कई महत्वपूर्ण समझौते हो चुके हैं, जिनमें फ्री ट्रेड एग्रीमेंट और अब्राहम अकॉर्ड्स जैसे समझौते शामिल हैं. ऐसे में यह न्यूक्लियर डील न केवल ऊर्जा सहयोग तक सीमित है, बल्कि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है.

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