F-35 के बाद अमेरिका को हुआ 15000 करोड़ रुपये का घाटा! कबाड़ बन गया ये जेट

    अमेरिका की सैन्य क्षमताओं को बीते 24 घंटों में दो बड़े झटके लगे हैं. पहले कैलिफोर्निया में अमेरिकी नौसेना का एक F-35C स्टील्थ फाइटर जेट दुर्घटनाग्रस्त हुआ, और उसके तुरंत बाद अमेरिका को अपने अत्याधुनिक समुद्री टोही विमान P-8A पोसाइडन को समय से पहले सेवा से बाहर करना पड़ा.

    America p8a posiden jet retire after f35 crash loss rupees 15 thousand crore
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    अमेरिका की सैन्य क्षमताओं को बीते 24 घंटों में दो बड़े झटके लगे हैं. पहले कैलिफोर्निया में अमेरिकी नौसेना का एक F-35C स्टील्थ फाइटर जेट दुर्घटनाग्रस्त हुआ, और उसके तुरंत बाद अमेरिका को अपने अत्याधुनिक समुद्री टोही विमान P-8A पोसाइडन को समय से पहले सेवा से बाहर करना पड़ा. यह विमान तकनीकी मजबूरी के चलते अब स्क्रैप कर दिया जा रहा है.

    P-8A पोसाइडन के रिटायरमेंट की कहानी पिछले साल नवंबर में शुरू हुई, जब यह विमान हवाई द्वीपसमूह के केनेओहे बे एयरबेस पर रनवे से फिसलकर सीधे समुद्र में जा गिरा था. उस वक्त विमान में 9 क्रू सदस्य मौजूद थे, लेकिन सौभाग्य से सभी सुरक्षित बच निकले. घटना के बाद यह विमान करीब दो सप्ताह तक खारे समुद्री पानी में डूबा रहा.

    नवंबर 2023 की दुर्घटना बनी रिटायरमेंट की वजह

    बाद में अमेरिकी नौसेना और मरीन कॉर्प्स की टीमें विशेष उपकरणों के ज़रिए विमान को बाहर ले आईं. प्रारंभिक उम्मीद थी कि इसे लगभग 15 लाख डॉलर (करीब 13 करोड़ रुपये) की मरम्मत के बाद फिर से उड़ाया जा सकेगा. लेकिन जब बोइंग, AAR, और अमेरिकी नौसेना की संयुक्त तकनीकी टीम ने विस्तृत जांच की, तो उन्होंने इसे रिस्टोर करना तकनीकी और आर्थिक दोनों दृष्टि से अव्यवहारिक बताया.

    अब टूटेगा विमान, कुछ हिस्सों का पुनः उपयोग

    विमान को स्क्रैप करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसके ऐसे हिस्से जो अब भी सही स्थिति में हैं, जैसे इंजन, विंग, सेंसर और अन्य सिस्टम, उन्हें अन्य P-8A विमानों में इस्तेमाल किया जाएगा. हालांकि विमान की री-स्टोरिंग असंभव पाई गई, फिर भी इससे जुड़ी कुछ तकनीकें भविष्य की परियोजनाओं में सहायक साबित हो सकती हैं.

    क्यों खास था यह विमान?

    P-8A पोसाइडन, बोइंग 737-800 एयरफ्रेम पर आधारित एक उच्च तकनीकी समुद्री गश्ती विमान है. यह समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने, सतह के जहाजों की ट्रैकिंग और सर्च एंड रेस्क्यू मिशनों के लिए प्रयोग किया जाता है. इसकी मारक क्षमता 7,500 किलोमीटर की है और यह लगातार 10 घंटे तक उड़ान भर सकता है. यह 120 से अधिक सोनार बूम्स के साथ उड़ता है, जो समुद्र की गहराई में भी पनडुब्बियों की हलचल को पकड़ने में सक्षम होते हैं. विमान में लगे MK-54 टॉरपीडो, X-बैंड रडार, और अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम इसे चीन जैसी सामुद्रिक शक्ति के लिए एक रणनीतिक चुनौती बनाते थे. इसीलिए इसका रिटायरमेंट अमेरिका के लिए सिर्फ एक तकनीकी नुकसान नहीं, बल्कि एक सामरिक क्षति के रूप में भी देखा जा रहा है.

    एक और हादसा: F-35C स्टील्थ जेट भी क्रैश

    इसी अवधि में अमेरिका का एक और उन्नत लड़ाकू विमान, F-35C, कैलिफोर्निया में नेवल एयर स्टेशन लेमूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह विमान ‘रफ राइडर्स’ (VF-125 स्क्वाड्रन) का हिस्सा था, जो नौसैनिक पायलटों को ट्रेनिंग देता है. सौभाग्य से, पायलट समय रहते इजेक्ट कर गया और उसकी जान बच गई.

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