America Elon Musk Donald trump controversy: दुनिया के सबसे चर्चित अरबपति एलन मस्क और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच शुरू हुआ व्यक्तिगत विवाद अब वैश्विक राजनीति का हिस्सा बनता जा रहा है. जहां ट्रंप ने मस्क पर तीखा हमला करते हुए उन्हें "दिमागी तौर पर अस्थिर" करार दिया, वहीं रूस ने चौंकाने वाला कदम उठाते हुए मस्क को राजनीतिक शरण देने की पेशकश कर दी है.
कैसे शुरू हुआ यह टकराव?
विवाद की जड़ 2024 अमेरिकी चुनावों से जुड़ी है. एलन मस्क ने हाल ही में ट्रंप की आर्थिक नीतियों और नए खर्च बिल की कड़ी आलोचना की. मस्क का कहना है कि ट्रंप के प्रस्ताव अमेरिका की आर्थिक स्थिति को और खराब करेंगे और देश को भारी कर्ज में डुबो देंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि ट्रंप, उनकी मदद के बिना दोबारा राष्ट्रपति नहीं बन सकते थे. यह बात ट्रंप को नागवार गुज़री. जवाबी हमला करते हुए ट्रंप ने मस्क को 'पागल' बताया और कहा कि अब उनसे बात करने का कोई फायदा नहीं है. यह वही मस्क हैं जिन्होंने पहले ट्रंप के चुनावी अभियान को 300 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी थी.
रूस ने निभाई ‘चालाक’ भूमिका
इस सियासी घमासान में रूस ने मौके की नज़ाकत को भांपते हुए एलन मस्क को राजनीतिक शरण देने का प्रस्ताव रख दिया. रूस की संसद (ड्यूमा) के अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के डिप्टी चेयरमैन दिमित्री नोविकोव ने कहा कि यदि मस्क को अमेरिका में खतरा महसूस हो रहा है, तो रूस उन्हें शरण देने के लिए तैयार है. रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने भी इस मुद्दे पर चुटकी ली और कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो रूस ‘डी और ई’ — यानी डोनाल्ड और एलन के बीच मध्यस्थता करने के लिए भी तैयार है.
क्रेमलिन का सतर्क रुख
हालांकि, क्रेमलिन ने इस मुद्दे पर कोई सीधी टिप्पणी करने से परहेज किया है. क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह अमेरिका का आंतरिक मामला है और रूस इसमें दखल नहीं देगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिकी राष्ट्रपति खुद इस स्थिति को संभाल लेंगे.
आर्थिक मोर्चे पर भी हलचल
ट्रंप-मस्क विवाद का सीधा असर अमेरिकी बाजार पर भी दिखा है. टेस्ला के शेयरों में भारी गिरावट आई है और निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बन गया है. वहीं मस्क ने अमेरिकी अंतरिक्ष परियोजना से हटने की धमकी भी दे दी है. इससे पहले उन्होंने अमेरिकी बजट निगरानी एजेंसी DOGE के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे ट्रंप के खिलाफ एक और बड़ा संकेत माना जा रहा है.
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