पहलगाम आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में भारत से संयम बरतने की अपील की, साथ ही पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करने की उम्मीद जताई. यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर कड़ी कार्रवाई का रास्ता चुना है. "क्षेत्रीय युद्ध से बचें, लेकिन आतंकवाद को सबक सिखाएं" -
जेडी वेंस ने अपने बयान में दो महत्वपूर्ण बातें कहीं. पहली भारत से संयम की अपील: उन्होंने कहा कि भारत को पहलगाम हमले का ऐसा जवाब देना चाहिए जिससे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर युद्ध की स्थिति न बने. पाकिस्तान से सहयोग की उम्मीद: उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर पाकिस्तान किसी भी तरह से इस हमले में शामिल है, तो वह भारत के साथ मिलकर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. वेंस का यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि वह और उनका परिवार हमले के समय भारत की यात्रा पर थे. हमले के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी.
विदेश मंत्री रुबियो ने जयशंकर और शहबाज शरीफ से बात की
तनाव को कम करने के लिए अमेरिका ने राजनयिक स्तर पर पहल की. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बातचीत की. रुबियो ने पाकिस्तान से जांच में सहयोग करने और तनाव कम करने का आग्रह किया. भारत का सख्त रुख: "चुन-चुनकर बदला लिया जाएगा" भारत ने इस हमले को नजरअंदाज करने के बजाय सीधी कार्रवाई का रास्ता चुना है: गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि पहलगाम हमले का "चुन-चुनकर बदला लिया जाएगा". उन्होंने कहा, "यह नरेंद्र मोदी का भारत है, जहाँ आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा." प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हाई-लेवल मीटिंग की और सेना को "खुली छूट" दे दी. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजित डोभाल और CDS अनिल चौहान भी शामिल थे.
क्या पाकिस्तान सहयोग करेगा?
अमेरिकी उपराष्ट्रपति के बयान के बाद सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान वास्तव में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करेगा? पाकिस्तान का इतिहास आतंकी गुटों को संरक्षण देने का रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते इस बार उसे अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है.
यह भी पढ़े: खुल गई पाक आर्मी की पोल! तैयारी का कर रहा झूठा प्रचार; खाली पड़े हैं शस्त्रागार