डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में रह रहे विदेशी छात्रों, रिसर्चर्स और पत्रकारों को लेकर एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है. इस बदलाव का सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो पढ़ाई, शोध कार्य या मीडिया से जुड़े कार्यों के लिए अमेरिका में वीज़ा पर रहते हैं.
अब तक अमेरिका में छात्र (F वीज़ा), एक्सचेंज प्रोग्राम के प्रतिभागी (J वीज़ा) और विदेशी पत्रकार (I वीज़ा) अपनी पढ़ाई, कार्यक्रम या नौकरी के पूरे समय तक वहां रह सकते थे. लेकिन अब ट्रंप सरकार वीज़ा की इस लचीलापन नीति को खत्म करने जा रही है और तय समय सीमा के साथ नए नियम लागू करने की योजना बना रही है.
क्या होंगे नए नियम?
सरकार द्वारा प्रस्तावित नए नियमों के तहत. छात्रों और एक्सचेंज विज़िटर्स को अधिकतम चार साल तक अमेरिका में रहने की अनुमति होगी. मीडिया से जुड़े लोगों के लिए यह सीमा 240 दिन तक सीमित होगी, जबकि चीन और हांगकांग के नागरिकों के लिए यह केवल 90 दिन होगी. वीज़ा की अवधि पूरी होने के बाद यदि कोई व्यक्ति अमेरिका में और रुकना चाहता है तो उसे अलग से आवेदन करना होगा. यह प्रस्तावित बदलाव अभी नियम का रूप नहीं ले पाया है. फिलहाल इसे सार्वजनिक सुझाव और आपत्तियों के लिए जारी किया गया है, और जनता के पास 30 दिनों का समय है अपनी राय देने के लिए.
क्यों किया जा रहा है यह बदलाव?
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि मौजूदा वीज़ा प्रणाली में वीज़ा धारकों की गतिविधियों पर पर्याप्त निगरानी नहीं हो पाती है. होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के अनुसार, पहले की सरकारों ने वीज़ा धारकों को बिना किसी स्पष्ट समयसीमा के अमेरिका में रहने दिया, जिससे सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं बढ़ गई हैं. प्रवक्ता के मुताबिक, "यह बदलाव ज़रूरी है ताकि वीज़ा के गलत इस्तेमाल को रोका जा सके और अमेरिका की सुरक्षा को मज़बूती मिले."
कितने लोगों पर होगा असर?
वर्ष 2024 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में लगभग 16 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र F वीज़ा पर रह रहे थे. 3.55 लाख से ज़्यादा लोगों को J वीज़ा जारी किया गया था. और करीब 13 हजार विदेशी पत्रकारों को I वीज़ा प्रदान किया गया था. इस प्रस्ताव के लागू होने से इन लाखों लोगों की स्थिति पर असर पड़ सकता है और वीज़ा प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक कठोर और सीमित हो जाएगी.
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