Amarnath Yatra 2025: तीर्थयात्रियों की आस्था की डोर से जुड़ी अमरनाथ यात्रा एक बार फिर भक्तों के स्वागत के लिए तैयार है. इस साल यह यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू हो रही है और इसके लिए ऑफलाइन पंजीकरण प्रक्रिया अब चालू हो चुकी है. जो लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से चूक गए हैं, उनके लिए अब तत्काल रजिस्ट्रेशन सुविधा शुरू कर दी गई है, जिससे हजारों श्रद्धालुओं को राहत मिली है.
बालटाल और पहलगाम से शुरू होगी यात्रा
अमरनाथ यात्रा दो प्रमुख मार्गों से संचालित की जाएगी. बालटाल रूट (14 किमी): खड़ी चढ़ाई वाला मार्ग, जो तेजी से गुफा तक पहुंचाता है. बुजुर्गों के लिए यह रास्ता मुश्किल हो सकता है. पहलगाम रूट (48 किमी): अपेक्षाकृत आसान, लेकिन लंबा मार्ग. यह यात्रा का पारंपरिक रास्ता माना जाता है.
रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?
अगर आपने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, तो चिंता न करें. जम्मू में कई तत्काल रजिस्ट्रेशन केंद्र चालू हो गए हैं, जहां पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज़ की अगर बात करें तो आधार कार्ड, मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट (SASB द्वारा मान्य डॉक्टर से), 4 पासपोर्ट साइज फोटो, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म, RFID कार्ड (यात्रा के दौरान अनिवार्य) होगाय
कहां-कहां मिलेंगे टोकन और रजिस्ट्रेशन सेंटर?
जम्मू शहर में प्रमुख सेंटर इस प्रकार हैं.
सरस्वती धाम (जम्मू रेलवे स्टेशन के पास): यह मुख्य टोकन सेंटर है जहां बालटाल और पहलगाम दोनों रूट के टोकन मिलते हैं. टोकन से पहले मेडिकल चेकअप जरूरी है.
वैष्णवी धाम, जम्मू: यहां टोकन लेने के बाद ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है.
पंचायत भवन महाजन, जम्मू: यह भी आम श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन सेंटर है.
भगवती नगर बेस कैंप और रेलवे स्टेशन पर ई-केवाईसी सेंटर
यह सेंटर खास तौर पर साधु-संतों के लिए बनाए गए हैं.
बैंक ब्रांच से भी कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन
देशभर की 533 बैंक शाखाओं में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है, जिनमें शामिल हैं. PNB: 309 ब्रांच, SBI: 99 ब्रांच, JK Bank: 91 ब्रांच, YES Bank: 34 ब्रांच. चार्जेस की अगर बात करें तो ऑफलाइन: ₹120 प्रति व्यक्ति देना होगा. ऑनलाइन: ₹220 प्रति व्यक्ति. देना होगा.
भक्तों में नहीं है कोई डर
भले ही पिछले साल पहलगाम क्षेत्र में हमला हुआ था, लेकिन इस बार भक्तों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. रजिस्ट्रेशन केंद्रों पर पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना है कि "आस्था पर कोई डर भारी नहीं पड़ सकता." सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की तैयारी को लेकर श्रद्धालु संतुष्ट हैं.
सीआरपीएफ की मजबूत सुरक्षा रणनीति
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए CRPF, सेना, J&K पुलिस और आपदा राहत बल मिलकर काम कर रहे हैं. NH-44 जैसे संवेदनशील रूट पर K-9 डॉग स्क्वॉड और आधुनिक निगरानी तंत्र तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही उधमपुर सेक्टर सहित कई संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार गश्त और सतर्कता बरती जा रही है.
आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल भी की गई
रविवार को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर भूस्खलन जैसी आपदाओं से निपटने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई. इस अभ्यास में सेना, सीआरपीएफ और आपदा बलों ने संयुक्त रूप से भाग लिया और निकासी, राहत और मेडिकल सहायता का पूरा अभ्यास किया गया. अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था 2 जुलाई को जम्मू बेस कैंप से रवाना होगा और 3 जुलाई से आधिकारिक रूप से यात्रा शुरू हो जाएगी.
यह भी पढ़ें: तेलंगाना की केमिकल फैक्ट्री में हुआ बड़ा हादसा, विस्फोट के बाद लगी भीषण आग, 10 मजदूरों की मौत, कई घायल