हो जाइए तैयार, आसमान में एक लाइन में नजर आएंगे सभी ग्रह; भारत में इस तारीख को दिखेगा ये दुर्लभ नजारा

    इस तरह का ग्रहों का संरेखण फिर से 2040 में ही संभव होगा.

    all the planets will be seen in a line rare event on this date
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    28 फरवरी को खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए एक बेहद खास मौका होगा, जब आसमान में एक दुर्लभ दृश्य देखने को मिलेगा. इस दिन, सौर मंडल के सभी ग्रह एक साथ संरेखित होंगे, जिसे "ग्रहों का संरेखण" या "प्लेनेट परेड" कहा जाता है. यह घटना पिछले महीने से जारी है और 28 फरवरी को अपने चरम पर पहुंचेगी. वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह संरेखण काफी असाधारण है और इसके बाद अगले 15 सालों तक ऐसा दृश्य नहीं देखा जाएगा. इस तरह का ग्रहों का संरेखण फिर से 2040 में ही संभव होगा.

    एक साथ आकाश में दिखाई देंगे सभी ग्रह

    इस घटना के दौरान सभी ग्रह थोड़े समय के लिए एक साथ आकाश में दिखाई देंगे. विशेषज्ञों का कहना है कि इसे देखने के लिए शहर की हलचल और प्रदूषण से दूर, खुले स्थानों पर जाना बेहतर रहेगा. अगर मौसम साफ रहा तो आप नंगी आंखों से अधिकांश ग्रहों को देख सकते हैं, लेकिन यूरेनस और नेपच्यून को देखने के लिए आपको दूरबीन की जरूरत होगी. इस संरेखण में, मंगल ग्रह पूर्व दिशा में, बृहस्पति और यूरेनस दक्षिण-पूर्व में, और शुक्र, नेपच्यून तथा शनि पश्चिम में दिखाई देंगे.

    ग्रहों का संरेखण तब होता है जब सभी ग्रह सूर्य के एक ही दिशा में एक साथ दिखाई देते हैं. इस तरह के संरेखण में आमतौर पर तीन से आठ ग्रह शामिल हो सकते हैं, लेकिन इस बार का संरेखण विशेष रूप से दुर्लभ है, क्योंकि इसमें पांच ग्रह एक साथ दिखेंगे. पिछले महीने, जनवरी में एक आंशिक ग्रह परेड के साथ क्वाड्रंटिड उल्का बौछार भी देखी गई थी, जो पहले ही खगोल प्रेमियों के लिए एक बड़ी घटना थी.

    भारत में भी देखा जा सकेगा ये दृश्य

    28 फरवरी का यह संरेखण एक अनोखा अनुभव होने वाला है, जो पूरे भारत में देखा जा सकेगा. देश के अधिकांश शहरों में लोग इस घटना का लाभ उठा सकेंगे. अगर मौसम साफ नहीं होता, तो दूरबीन की मदद से इस दुर्लभ दृश्य का आनंद लिया जा सकता है. खगोल विज्ञानी इस घटना को लेकर बेहद उत्साहित हैं, क्योंकि यह संरेखण बहुत खास और दुर्लभ है.

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