Plane Crash In Ahmedabad: अहमदाबाद के मेघाणी नगर इलाके में एक बड़ा विमान हादसा हुआ है. एयर इंडिया की एक फ्लाइट, जिसमें कुल 242 यात्री सवार थे, रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे के बाद घटनास्थल से धुएं का घना गुबार उठता देखा गया और पूरे क्षेत्र को सुरक्षा कारणों से सील कर दिया गया है. फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन इस तरह की घटनाएं एक बार फिर लोगों को सोचने पर मजबूर कर देती हैं. अगर विमान में सफर करते वक्त कोई हादसा हो जाए, तो सबसे सुरक्षित सीट कौनसी होती है?
विमान की कौन-सी सीट देती है ज़िंदगी की उम्मीद?
हर बार जब कोई विमान हादसा होता है, तो यह सवाल जरूर उठता है कि कौनसी सीट पर बैठना हमें ज्यादा सुरक्षित रख सकता है. क्या अगली पंक्तियों में बैठना बेहतर है या विमान के पिछले हिस्से में?
आंकड़े क्या कहते हैं?
टाइम मैगज़ीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 35 वर्षों में हुए विमान हादसों का विश्लेषण बताता है कि विमान के पिछले हिस्से में बैठने वालों की मौत की आशंका सिर्फ 28% रही है. जबकि बीच की सीटों पर बैठने वाले यात्रियों में यह आंकड़ा लगभग 44% तक पहुंच जाता है. इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि विमान का पिछला हिस्सा तुलनात्मक रूप से अधिक सुरक्षित होता है.
क्यों सबसे असुरक्षित होती हैं बीच की सीटें?
अधिकतर विमान दुर्घटनाओं में देखा गया है कि विमान के पंखों के पास की सीटें, जो कि मध्य भाग में आती हैं, सबसे ज्यादा असुरक्षित होती हैं. इन पंखों में ईंधन (फ्यूल) होता है, जिससे दुर्घटना के समय आग लगने का खतरा सबसे पहले इन्हीं हिस्सों में होता है. हालांकि ये सीटें विंडो व्यू और बैलेंस के लिए पसंद की जाती हैं, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से इन्हें कमतर माना गया है.
पिछले हिस्से में क्या होता है खास?
अक्सर विमान के पिछले हिस्से में दुर्घटना का प्रभाव कम पड़ता है. जैसे कि दक्षिण कोरिया और कजाखस्तान में हुए हालिया विमान हादसों में देखा गया था कि पीछे के हिस्से को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा और वहां बैठे यात्रियों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया था. हालांकि इन सीटों में कुछ असुविधाएं भी होती हैं, जैसे कम लेगरूम, शौचालय की नज़दीकी, और कभी-कभी तेज़ कंपन लेकिन जान की कीमत पर ये समझौते बहुत छोटे साबित होते हैं.
हर हादसा अलग होता है
यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि हर विमान हादसे की परिस्थितियाँ अलग होती हैं. सुरक्षित सीटें एक अनुमान के आधार पर बताई जाती हैं, लेकिन किसी भी हादसे में यात्रियों की जान बचाने में पायलट की कुशलता, मौसम की स्थिति, और रेस्क्यू सिस्टम की तत्परता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
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