कुछ हादसे इंसान की जिंदगी बदल देते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है विश्वास कुमार रमेश की, जो हाल ही में अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के बाद मौत के मुंह से जिंदा लौटे. लेकिन इस बचाव की खुशी भी उनके लिए अधूरी रह गई, क्योंकि इस हादसे में उन्होंने अपने सगे भाई को हमेशा के लिए खो दिया.
टेक-ऑफ के 30 सेकंड बाद तबाही
गुरुवार को एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद से उड़ान भरने के महज 30 सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस दर्दनाक हादसे में विमान में सवार 265 लोगों में से सिर्फ एकमात्र व्यक्ति – विश्वास कुमार – जिंदा बचे. बाकी सभी यात्री, क्रू मेंबर्स और घटनास्थल के लोग जान गंवा बैठे.
दो भाई साथ, किस्मत ने छीना साथ
40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश, जो भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं, अपने बड़े भाई अजय कुमार के साथ भारत आए थे. दोनों इसी विमान में सवार हुए थे. विश्वास की सीट 11A थी, जबकि उनके भाई की सीट दूसरी कतार में थी. हादसे के बाद विश्वास तो किसी तरह मलबे से बाहर निकल आए, लेकिन उनके भाई को वह कभी नहीं ढूंढ पाए.
दर्दनाक पल: जब सबकुछ खत्म हो गया
हादसे के बाद विश्वास ने खुद अपने पिता को वीडियो कॉल कर बताया, “प्लेन क्रैश हो गया है, मैं बच गया हूं लेकिन भाई कहीं नहीं मिल रहे.” हादसे की पुष्टि के बाद गुजरात पुलिस ने भी कहा कि सिर्फ एक व्यक्ति बच पाया है. विश्वास कुमार. विश्वास ने कहा, "टेक-ऑफ के ठीक बाद तेज धमाका हुआ और सब कुछ खत्म हो गया. मुझे कुछ समझ नहीं आया. लगा कि मैं मर गया हूं. लेकिन जब होश आया, तो मेरे चारों ओर सिर्फ लाशें थीं. किसी तरह मुझे निकलने का रास्ता मिला और मैं वहां से भागा."
चारों तरफ मौत का सन्नाटा
अपने साथ अब भी बोर्डिंग पास संभाले हुए विश्वास ने मीडिया से बातचीत में कहा, "जब मैंने खुद को खड़ा किया, तो हर तरफ बिखरे प्लेन के टुकड़े और शव थे. मैं घबरा गया. किसी ने मुझे पकड़कर एंबुलेंस में बिठाया और अस्पताल पहुंचाया."
प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक पहुंचे हाल पूछने
हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने विश्वास से अस्पताल में मुलाकात की और उनसे हादसे की जानकारी ली. इस दौरान विश्वास अपने भाई को खोने के गम से टूटे हुए थे. उन्होंने कहा, "मेरा भाई मेरे साथ था, लेकिन अब वो मुझे कभी नहीं मिलेगा."
लंदन में बसी है विश्वास की दुनिया
विश्वास पिछले 20 साल से लंदन में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रह रहे हैं. हादसे के बाद उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिसमें वह घायल अवस्था में चलते नजर आ रहे थे. फिलहाल अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है और डॉक्टरों ने बताया है कि अब वह खतरे से बाहर हैं. विश्वास कुमार की यह कहानी सिर्फ एक हादसे की नहीं, बल्कि हिम्मत, दर्द और अधूरी खुशी की मिसाल है. जब किस्मत ने उन्हें मौत के मुंह से निकाला, लेकिन अपनों को छीन लिया.
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