पाकिस्‍तान के बाद बांग्लादेश भी चीन से खरीदेगा हथियार, मिसाइल और एयर डिफेंस से बढ़ेगी भारत की टेंशन!

    दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सामरिक संतुलन को प्रभावित करने वाली एक नई घटना में, बांग्लादेश और चीन के बीच रक्षा सहयोग को लेकर अहम बातचीत हुई है.

    After Pakistan Bangladesh will also buy weapons
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    ढाका/बीजिंग: दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सामरिक संतुलन को प्रभावित करने वाली एक नई घटना में, बांग्लादेश और चीन के बीच रक्षा सहयोग को लेकर अहम बातचीत हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश अपनी वायु सुरक्षा और मिसाइल क्षमताओं को बढ़ाने के लिए चीन से सतह से हवा में मार करने वाली आधुनिक मिसाइल प्रणालियों और रडार सिस्टम्स के अधिग्रहण पर विचार कर रहा है.

    यह संभावित रक्षा सौदा बांग्लादेश की सैन्य संरचना को तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. साथ ही, यह चीन की बढ़ती सामरिक मौजूदगी और रक्षा निर्यात के दायरे का भी संकेत देता है.

    बीजिंग में उच्च स्तरीय सैन्य बैठक

    नॉर्थ ईस्ट न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश सेना के मेजर जनरल अबू बकर सिद्दीक खान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बीजिंग में चाइना वेंगार्ड कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों से मुलाकात की. यह कंपनी मिसाइल प्रौद्योगिकी और उन्नत रडार सिस्टम के निर्माण में अग्रणी मानी जाती है. बैठक में HQ-17AE SAMs, FK-3 मध्यम दूरी की मिसाइलें, और JSG-400 फायर कंट्रोल रडार जैसे उपकरणों की खरीद पर गंभीर चर्चा हुई.

    प्रस्तावित हथियार प्रणाली और उनकी क्षमताएं

    HQ-17AE (शॉर्ट रेंज SAM):

    यह प्रणाली कम और मध्यम ऊंचाई पर हवाई लक्ष्यों जैसे ड्रोन, फाइटर जेट और हेलीकॉप्टरों को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है. इसकी रेंज 1.5 से 15 किलोमीटर तक है और यह हर मौसम में संचालन योग्य है.

    FK-3 (मध्यम दूरी की SAM):

    HQ-22 के निर्यात संस्करण FK-3 की अधिकतम रेंज 100 किमी है और यह एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है. यह प्रणाली उच्च गति (Mach 3) से हवाई खतरों को निष्क्रिय करने के लिए जानी जाती है.

    QW-18A MANPADS:

    यह पोर्टेबल मिसाइल सिस्टम विशेष रूप से नौसेना के लिए प्रस्तावित है. यह प्रणाली कम ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों पर इन्फ्रारेड गाइडेंस से निशाना साध सकती है.

    JSG-400 फायर कंट्रोल रडार:

    यह प्रणाली बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्शन में इस्तेमाल की जाती है और यह पहले से पाकिस्तान की सेना द्वारा उपयोग की जा रही है. यह चीन के HQ-9BE सिस्टम का हिस्सा है.

    बांग्लादेश की सैन्य क्षमता में विस्तार

    वर्तमान में बांग्लादेश के पास चीन निर्मित FM-90 शॉर्ट रेंज डिफेंस सिस्टम, तुर्की से प्राप्त TRG-230 और TRG-300 रॉकेट लॉन्चर और QW-2 MANPADS जैसे सिस्टम मौजूद हैं. प्रस्तावित डील इन क्षमताओं को और विस्तार देने का संकेत है, जिससे बांग्लादेश की वायु रक्षा और रक्षात्मक क्षमताएं क्षेत्रीय मानकों पर अधिक संगठित हो सकेंगी.

    भारत के लिए रणनीतिक संकेत

    हालांकि बांग्लादेश की यह पहल आत्मनिर्भर रक्षा रणनीति के अनुरूप है, लेकिन नई दिल्ली में इससे संबंधित विकासों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. भारत के दृष्टिकोण से यह सौदा चीन के दक्षिण एशिया में बढ़ते सामरिक प्रभाव की पुष्टि करता है, जो भारत की पारंपरिक 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति के लिए चुनौती हो सकता है.

    बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था के तहत चीन और पाकिस्तान के साथ रक्षा संबंधों में बढ़ोतरी देखी गई है, जबकि भारत के साथ हालिया वर्षों में कुछ कूटनीतिक दूरी आई है. ऐसे में, यह रक्षा सौदा केवल सैन्य क्षेत्र तक सीमित न होकर, भू-राजनीतिक समीकरणों पर भी असर डाल सकता है.

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