जम्मू-कश्मीर: 7 मई, 2025 को भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सीमा पर तनाव चरम पर पहुंच गया है. पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (LoC) के नजदीक पूंछ और तंगधार जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अंधाधुंध गोलीबारी की गई, जिसमें चार बच्चों समेत 15 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई.
यह घटना उस वक्त घटी जब भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे. पाकिस्तान की सेना ने इस जवाबी कार्रवाई में सैन्य ठिकानों को नजरअंदाज कर आम नागरिकों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
गोलियों की बारिश में बंकरों की शरण
सीमावर्ती गांवों में गोलाबारी के चलते हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े और कई परिवार भूमिगत बंकरों या सुरक्षित इलाकों में शरण लेने को मजबूर हो गए.
#WATCH | J&K: Local Villagers near the border area move to safer places after Pakistan resorted to ceasefire violations pic.twitter.com/TM6wg14YWJ
— ANI (@ANI) May 7, 2025
स्थानीय निवासी बदरुद्दीन, जो इस हमले में घायल हुए, ने कहा: “रात के लगभग 2:30 बजे अचानक गोलाबारी शुरू हो गई. हमारे घर जल गए, मैं और मेरा बेटा घायल हो गए. हमारे पास अब कुछ नहीं बचा. हम शांति चाहते हैं.”
धार्मिक स्थल भी निशाने से नहीं बचे
सीमा पार से की गई इस गोलीबारी में पुंछ के गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा साहिब को भी नुकसान पहुंचा. इस हमले में तीन श्रद्धालुओं भाई अमरीक सिंह जी, भाई अमरजीत सिंह और भाई रणजीत सिंह की मौत हो गई.
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इस घटना को अमानवीय बताते हुए कहा: “पवित्र धार्मिक स्थल को निशाना बनाना न केवल युद्ध के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह इंसानियत के खिलाफ अपराध है.”
भारत की सख्त प्रतिक्रिया
भारतीय सेना ने इस उल्लंघन का तुरंत और सटीक जवाब दिया, जिससे पाकिस्तान की कई अग्रिम चौकियों को भारी नुकसान हुआ है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हालात की गंभीरता को देखते हुए नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. वे जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, और बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी के साथ लगातार संपर्क में हैं.
प्रशासन की तत्परता
जम्मू-कश्मीर सरकार ने हालात की समीक्षा के लिए आपात बैठक की और प्रभावित गांवों में राहत और पुनर्वास कार्य प्रारंभ कर दिए हैं. स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि मोबाइल मेडिकल यूनिट्स, राशन किट्स और अस्थायी शिविरों की व्यवस्था की जा रही है.
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