8th Pay Commission: केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी मिलने के बाद से ही केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. अब चर्चा इस बात की है कि आखिर इस वेतन आयोग से मासिक सैलरी और पेंशन में कितना इजाफा होगा और इसका कैलकुलेशन किस आधार पर किया जाएगा.
दरअसल, इस बार डॉ. वालेस एक्रोयड फॉर्मूले का ज़िक्र तेजी से हो रहा है, जिसे सरकार वेतन निर्धारण की मूल इकाई मान रही है. यह फॉर्मूला सैलरी तय करने के लिए व्यावहारिक जरूरतों और न्यूनतम जीवनस्तर को आधार बनाता है.
क्या है डॉ. वालेस एक्रोयड फॉर्मूला?
यह फॉर्मूला पहली बार 1957 में 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया था. इसका मकसद था, एक औसत भारतीय परिवार की जीवित रहने के लिए न्यूनतम जरूरतों (खाद्य, वस्त्र, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य) की लागत के आधार पर वेतन तय करना.
इस बार इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं:
परिवार की यूनिट को 3 से बढ़ाकर 3.6 किया जाएगा, जिससे बढ़ते खर्चों और पारिवारिक जरूरतों का यथार्थ मूल्यांकन किया जा सके. केवल खाने-पीने पर ही नहीं, आवास, ट्रांसपोर्ट, शिक्षा और चिकित्सा को भी फॉर्मूले में सम्मिलित किया गया है.
कितनी बढ़ सकती है सैलरी और पेंशन?
अगर इस फॉर्मूले के आधार पर और फिटमेंट फैक्टर 2.86 के अनुसार गणना की जाए, तो आने वाले समय में सैलरी और पेंशन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है:
मिनिमम बेसिक सैलरी:
₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 प्रतिमाह
पेंशन:
₹9,000 से बढ़कर ₹25,740 प्रतिमाह
यह इजाफा सिर्फ न्यूनतम स्तर पर होगा. उच्च पदों पर बैठे कर्मचारियों और अफसरों की आय में यह बदलाव कहीं अधिक प्रभावी रूप से देखा जा सकता है.
7वें वेतन आयोग से क्या था फर्क?
2016 में जब 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तब भी सैलरी और पेंशन में औसतन 2.5 से 3 गुना तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. लेकिन तब महंगाई दर, जीवनशैली में बदलाव और बेसिक जरूरतों की लागत आज के मुकाबले काफी कम थी. 2025 में हालात बदल चुके हैं, और इसलिए इस बार का आयोग अधिक व्यावहारिक, विस्तृत और जीवन के यथार्थ खर्चों पर केंद्रित है.
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया
कर्मचारी संगठनों ने आयोग के गठन का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इस बार वेतन पुनरीक्षण केवल सांकेतिक नहीं, बल्कि वास्तविक राहत प्रदान करने वाला होगा. संगठनों ने यह भी मांग की है कि महंगाई भत्ते को बेसिक वेतन में समाहित कर स्थायी लाभ की व्यवस्था की जाए.
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