ट्रंप की हत्या के लिए कोड- 8647... किसने दी सुपारी, कौन मारने वाला था? अब 'प्रचंड तेवर' दिखाएं US राष्ट्रपति

    अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश से जुड़े सनसनीखेज खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. बताया जा रहा है कि एफबीआई और सीक्रेट सर्विस इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं.

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    Image Source: ANI

    अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश से जुड़े सनसनीखेज खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. बताया जा रहा है कि एफबीआई और सीक्रेट सर्विस इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं. इस साजिश में एक खास कोड "8647" को लेकर खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं, जिसे ट्रंप की हत्या के लिए जारी किया गया संकेत माना जा रहा है.

    कोड 8647 का मतलब क्या है?

    खुफिया सूत्रों के अनुसार, कोड ‘86’ आमतौर पर हत्याओं या खत्म करने की साजिशों में इस्तेमाल होने वाला संकेत माना जाता है, जबकि ‘47’ अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति की ओर इशारा करता है — जो कि डोनाल्ड ट्रंप हैं. इस कोड को आधार बनाकर अब तक कई संभावित लिंक और संदिग्ध व्यक्तियों पर जांच तेज कर दी गई है.

    तुलसी गबार्ड का बड़ा दावा

    इस पूरे मामले को लेकर नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने एक बड़ा बयान देते हुए पूर्व एफबीआई डायरेक्टर जेम्स कॉमी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. गबार्ड ने दावा किया है कि कॉमी ने कथित तौर पर ट्रंप की हत्या के लिए उकसाया और एक सुनियोजित साजिश के तहत ये कोड प्लान किया गया. “कॉमी जैसे व्यक्ति, जो माफिया और संगठित अपराध से जुड़ी जांचों में दशकों तक शामिल रहे हैं, उन्हें अच्छे से पता है कि हत्या की योजना कैसे बनाई जाती है. ऐसे में उन्हें पूरी तरह कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

    पेंसिल्वेनिया रैली में ट्रंप पर हमला

    यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ हो. 13 जुलाई 2024 को पेंसिल्वेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान ट्रंप पर गोली चलाई गई थी. हमलावर की गोली ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में लगी थी, जिससे वह घायल हो गए थे. इस हमले में एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे. हमलावर को मौके पर मौजूद सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर ने ढेर कर दिया था.

    बाइडन ने की थी निंदा

    उस घटना के बाद अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन ने बयान जारी करते हुए हमले की निंदा की थी और कहा था कि अमेरिका में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. हालांकि, इस हमले के बाद से ट्रंप की सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता पर भी सवाल उठने लगे थे.

    अब आगे क्या?

    ‘8647 कोड’ को लेकर जो जांच चल रही है, उसमें कई डिजिटल चैनल्स, मैसेजिंग ऐप्स और सोशल मीडिया एक्टिविटी को खंगाला जा रहा है. एफबीआई और सीक्रेट सर्विस की टीमें संभावित षड्यंत्रकर्ताओं की पहचान करने में जुटी हैं. यह मामला अमेरिकी राजनीति और सुरक्षा तंत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि राजनीतिक असहमति को हिंसक मोड़ देने की कोशिशें अब खुलकर सामने आ रही हैं. आने वाले दिनों में इस जांच के नतीजे अमेरिकी राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकते हैं.

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