गाजा में ₹750 में मिल रहा बिस्किट का पैकेट, नमक खाकर जिंदा हैं लोग, भूख से 81 बच्चों समेत 124 मौतें

    इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध को अब 22 महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन इस लंबे संघर्ष की सबसे भयावह तस्वीर अब सामने आ रही है—गंभीर मानवीय संकट.

    124 people including 81 children died of hunger in Gaza war
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    गाजा: इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध को अब 22 महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन इस लंबे संघर्ष की सबसे भयावह तस्वीर अब सामने आ रही है—गंभीर मानवीय संकट. गाजा में खाने-पीने की चीजों की भारी कमी ने लोगों को कगार पर पहुंचा दिया है. भूख अब एक मूक हत्यारा बन चुकी है, जिसने अब तक 124 लोगों की जान ले ली है. इनमें से 81 मासूम बच्चे थे, जिनकी मौत का कारण युद्ध नहीं बल्कि भोजन की अनुपलब्धता बनी.

    भूख से मौत का आंकड़ा जुलाई में और बढ़ा

    सिर्फ जुलाई महीने की ही बात करें तो कुपोषण और भुखमरी की वजह से 40 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 16 बच्चे थे. ये आंकड़े बताते हैं कि हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं और समय के साथ भूख से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

    नमक और पानी से पेट भरने की कोशिश

    गाजा से रिपोर्टिंग कर रहे कई पत्रकारों ने वहां की भयावह स्थिति को उजागर किया है. एक रिपोर्टर ने बताया कि एक 50 ग्राम के बिस्किट का पैकेट वहां 750 रुपए में बिक रहा है. कैश निकालने पर 45% तक कमीशन देना पड़ता है. आर्थिक तंगी के इस दौर में लोग नमक खाकर और पानी पीकर जिंदा रहने की कोशिश कर रहे हैं.

    एक पत्रकार ने बताया, "इस संघर्ष के 21 महीनों में मेरा वजन 30 किलो तक घट चुका है. थकावट बनी रहती है, चक्कर आते हैं और कई बार तो ऐसा लगता है कि अब शरीर साथ नहीं देगा."

    अस्पतालों में बमबारी के नहीं, कुपोषण के मरीज ज्यादा

    गाजा के दक्षिणी हिस्से में स्थित नासिर अस्पताल के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि अब स्थिति बदल चुकी है. पहले अस्पतालों में घायल और बमबारी से झुलसे मरीजों की भरमार होती थी, लेकिन अब अधिकतर बच्चे कुपोषण के कारण भर्ती किए जा रहे हैं.

    उनका कहना है, "भूख अब सबसे बड़ा दुश्मन बन चुकी है. यह एक धीमी मौत है, जो शरीर को भीतर से तोड़ देती है. सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हो रहे हैं."

    गाजा की एक तिहाई आबादी कई दिनों से भूखी

    संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट भी इस संकट की गंभीरता की पुष्टि करती है. रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में एक तिहाई आबादी को कई दिनों बाद भोजन मिल रहा है. ज्यादातर लोग अधपेट या भूखे रहकर दिन गुजार रहे हैं.

    इजराइल ने एयर रूट से मदद पहुंचाने की दी इजाजत

    भूख के बढ़ते संकट और अंतरराष्ट्रीय आलोचना को देखते हुए इजराइल ने पहली बार गाजा में एयर रूट से मानवीय सहायता भेजने की अनुमति दी है. इजराइली सेना ने पुष्टि की कि विदेशी देशों को अब गाजा में खाद्य और चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए हवाई मार्ग उपलब्ध कराया गया है.

    इजराइल में अमेरिका के राजदूत येचील लेइटर ने बताया कि रविवार से ‘ह्यूमेनिटेरियन कॉरिडोर’ खोला जाएगा, जिससे गाजा के आम नागरिकों तक सहायता पहुंचाई जा सकेगी.

    ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की युद्धविराम की अपील

    इस संकट को देखते हुए यूरोप के तीन प्रमुख देशों—ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी—ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर युद्धविराम की मांग की है. उन्होंने कहा—“बंधकों की रिहाई से पहले भी युद्धविराम संभव है. अब वक्त आ गया है कि गाजा के नागरिकों को भोजन, पानी और दवाएं दी जाएं. इजराइल को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करना चाहिए.”

    ट्रम्प का सख्त बयान: 'हमास को खत्म करो'

    दूसरी ओर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बिल्कुल उलटा रुख अपनाया है. उनका कहना है कि "हमास शांति नहीं चाहता, बल्कि मरने को तैयार है. इजराइल को इस मौके का फायदा उठाकर हमास का पूरी तरह सफाया करना चाहिए."

    ट्रम्प के इस बयान से स्पष्ट है कि अमेरिका अब मध्यस्थता की भूमिका से हट चुका है और इजराइल को खुला समर्थन दे रहा है.

    इजराइली सेना पर ड्रग्स देने का गंभीर आरोप

    गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय (GMO) ने एक और सनसनीखेज आरोप लगाया है. उनके मुताबिक, इजराइली सेना द्वारा चलाई जा रही गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) ने जो सहायता सामग्री भेजी, उसमें आटे की बोरियों के साथ ऑक्सीकोडोन नाम की नशीली दवा मिली है.

    GMO का कहना है कि यह जानबूझकर की गई साजिश है ताकि फिलिस्तीनी जनता को नशे की लत लगाई जा सके. उनका दावा है कि इजराइल नशीले पदार्थों को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है.

    70% से ज्यादा इमारतें ध्वस्त, 85% लोग बेघर

    गाजा के मीडिया कार्यालय के अनुसार, अब तक 70% से ज्यादा इमारतें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं. करीब 19 लाख लोग—यानी 85% आबादी—अपने घरों से बेघर हो चुके हैं. GMO ने आरोप लगाया कि इजराइल जानबूझकर गाजा की पूरी संरचना को खत्म करना चाहता है ताकि फिलिस्तीनी आबादी को मजबूरन क्षेत्र छोड़ना पड़े.

    उनके अनुसार, “बमबारी, जबरन बेदखली और सहायता रोककर इजराइल एक रणनीतिक नरसंहार को अंजाम दे रहा है. यह नस्लीय सफाई का उदाहरण है.”

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