मेरे हसबैंड की बीवी MOVIE REVIEW: न नया कंटेंट, न दमदार प्रेजेंटेशन,घिसी-पिटी कहानी, बेहिसाब ड्रामा!

'मेरे हसबैंड की बीवी' एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है, जिसका निर्देशन मुदस्सर अजीज ने किया है. फिल्म में अर्जुन कपूर, भूमि पेडनेकर और रकुल प्रीत सिंह मुख्य भूमिकाओं में हैं.

Mere Husband Ki Biwi MOVIE REVIEW No new content no strong presentation clichéd story immense drama
मेरे हसबैंड की बीवी MOVIE REVIEW/Photo- Bharat 24

कलाकार: अर्जुन कपूर , रकुल प्रीत सिंह , भूमि पेडनेकर , कंवलजीत सिंह , अनीता राज , शक्ति कपूर , हर्ष गुजराल और आदित्य सील
लेखक: मुदस्सर अजीज
निर्देशक: मुदस्सर अजीज
निर्माता: वाशू भगनानी , जैकी भगनानी और दीपिका देशमुख
रिलीज: 21 फरवरी 2024
रेटिंग: 2/5

'मेरे हसबैंड की बीवी' एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है, जिसका निर्देशन मुदस्सर अजीज ने किया है. फिल्म में अर्जुन कपूर, भूमि पेडनेकर और रकुल प्रीत सिंह मुख्य भूमिकाओं में हैं. कहानी अंकुर (अर्जुन कपूर) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी पूर्व पत्नी प्रभलीन (भूमि पेडनेकर) से तलाक के बाद अंतरा (रकुल प्रीत सिंह) से प्यार करता है. हालांकि, एक दुर्घटना के बाद प्रभलीन की याददाश्त चली जाती है, जिससे वह अपने तलाक को भूल जाती है, और अंकुर एक जटिल स्थिति में फंस जाता है.

1. कहानी (Story) – घिसी-पिटी और उबाऊ

फिल्म की कहानी लव ट्रायंगल पर आधारित है, लेकिन इसमें नयापन बिल्कुल नहीं है. यह एक प्रेडिक्टेबल और पुराने ज़माने की स्क्रिप्ट लगती है, जिसमें कॉमेडी के नाम पर बेमतलब के सीन डाले गए हैं. डायलॉग भी कमजोर हैं, और जबरदस्ती के मज़ाक से फिल्म बोरिंग लगने लगती है. सेकेंड हाफ में तो स्क्रिप्ट पूरी तरह से ढीली पड़ जाती है, और क्लाइमैक्स तक आते-आते दर्शक उम्मीद ही छोड़ देते हैं.

2. निर्देशन (Direction) – बिना विज़न के

निर्देशक ने फिल्म को दिलचस्प बनाने की कोशिश तो की है, लेकिन कहानी और स्क्रीनप्ले में इतनी कमज़ोरी है कि कुछ भी काम नहीं करता. फिल्म का टोन असंगत है – कभी यह रोमांस दिखाना चाहती है, कभी कॉमेडी, लेकिन दोनों में ही असफल हो जाती है. निर्देशक की पकड़ पूरी तरह से ढीली लगती है, जिससे फिल्म अनफोकस्ड लगती है.

3. सिनेमैटोग्राफी (Cinematography) – साधारण और सपाट

कैमरा वर्क और विजुअल्स में कोई नयापन नहीं है. बैकग्राउंड स्कोर भी औसत दर्जे का है और सीन में कोई एक्साइटमेंट नहीं ला पाता. गानों की कोरियोग्राफी और शूटिंग भी बहुत बुनियादी है, जिससे फिल्म का सिनेमैटिक अपील और भी कमजोर हो जाता है.

4. ऐक्टिंग (Acting) – निराशाजनक परफॉर्मेंस

अर्जुन कपूर – उनकी ऐक्टिंग में न तो एनर्जी है, न एक्सप्रेशन्स. एक बार फिर वे अपने "एक ही फेस एक्सप्रेशन" वाली परफॉर्मेंस देते हैं, जिससे किरदार में कोई गहराई नहीं दिखती.

भूमि पेडनेकर – टैलेंटेड होने के बावजूद, उनके किरदार को इतना खराब लिखा गया है कि वे भी कुछ खास नहीं कर पाईं.

रकुल प्रीत सिंह – ग्लैमर एलिमेंट के अलावा उनका कोई खास रोल नहीं है. स्क्रीन पर उनकी मौजूदगी बस एक शोपीस की तरह लगती है.

सपोर्टिंग कास्ट – बेमतलब के साइड कैरेक्टर्स, जो फिल्म को और खराब बना देते हैं.

5. संगीत (Music) – भूलने लायक

फिल्म का संगीत भी फिल्म की तरह ही फीका है. कोई भी गाना ऐसा नहीं है जो याद रह जाए. जबरदस्ती के डांस नंबर भी फिल्म की कमजोर स्क्रिप्ट को बचाने में नाकाम साबित होते हैं.

6. कुल मिलाकर (Final Verdict)

"मेरे हज़्बेंड की बीवी" एक सुस्त, बोरिंग और निराशाजनक फिल्म है, जिसमें खराब स्क्रिप्ट, कमजोर ऐक्टिंग और ढीला निर्देशन देखने को मिलता है. इसे देखने का मतलब सिर्फ अपना समय और पैसा बर्बाद करना होगा.

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