पटनाः बिहार की राजनीति में कुछ भी हो सकता है और कभी भी कुछ नया मोड़ आ सकता है. पिछले दिनों बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि “नीतीश कुमार कब पलट जाएं, इसका कोई भरोसा नहीं.” इस बयान ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी थी. अब, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के एक ट्वीट ने एक बार फिर से सियासी माहौल को गरम कर दिया है. उनका सोशल मीडिया पोस्ट जितना साधारण दिखाई देता है, उतना ही गहरा और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
लालू यादव ने किया ये पोस्ट
लालू यादव ने होली के अवसर पर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, "हर पुरानी बात भूलकर आओ करें नई शुरुआत. प्रेम और अपनत्व के भाव से समाज में हो हर बात! सभी देशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं!" हालांकि यह पोस्ट एक सामान्य होली की शुभकामना की तरह लग सकता है, लेकिन राजनैतिक जानकारों का कहना है कि इसमें कई गहरे सियासी संदेश छुपे हुए हैं. उनके इस संदेश में “कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना” जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी साफ तौर पर राजनीतिक इशारे की तरह देखा जा रहा है.
इस ट्वीट का एक साइड कनेक्शन तेजस्वी यादव के उस बयान से भी जुड़ता है, जो उन्होंने हाल ही में विधान परिषद में दिया था. तेजस्वी ने कहा था कि नीतीश कुमार कब पलट जाएं और किसे अपना साथी बना लें, इसकी कोई गारंटी नहीं है. यह बयान तब आया था जब राबड़ी देवी और नीतीश कुमार के बीच बजट सत्र के दौरान तीखी बहस हुई थी. ऐसे में लालू यादव का यह ट्वीट बिहार की राजनीति में एक नये मोड़ को जन्म दे रहा है.
हर पुरानी बात भूलकर आओ करें नई शुरुआत
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) March 14, 2025
प्रेम और अपनत्व के भाव से समाज में हो हर बात!
सभी देशवासियों को #होली की हार्दिक शुभकामनाएँ! #LaluYadav #RJD #holi pic.twitter.com/nB1oEPWgNQ
जदयू प्रवक्ता के बयान से सियासत गर्म
हाल के दिनों में जेडीयू और बीजेपी के बीच बढ़ते मतभेदों ने भी बिहार की राजनीतिक स्थितियों को जटिल बना दिया है. खासतौर पर जब से जेडीयू और बीजेपी के बीच सांप्रदायिक मुद्दों पर अलग-अलग रुख सामने आ रहे हैं, नीतीश कुमार की सेक्युलर छवि को लेकर जेडीयू में असहजता देखी जा रही है.
उदाहरण के लिए, हाल ही में जेडीयू प्रवक्ता ने यूपी के संभल में मस्जिदों को ढंकने की बात पर ऐतराज जताया था और कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव में एजेंडा केवल सुशासन और विकास होना चाहिए, न कि हिन्दू-मुस्लिम पर बहस. उन्होंने ये भी कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने कभी भी सांप्रदायिकता के साथ समझौता नहीं किया है और उन पर आक्षेप करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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