नई दिल्लीः भारत 24 के खास कार्यक्रम 'भारत भाग्य निर्माता' में मंगलवार को केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि NDA के लोग ही अंबेडकर जी, संविधान और आरक्षण के संरक्षक हैं.
'अंबेडकर जी की तख्ती लेकर चलना एक पॉलिटिकल फैशन'
जीतन राम मांझी ने कहा, 'अंबेडकर जी की तख्ती लेकर चलना एक पॉलिटिकल फैशन हो गया है. कहा जाता है कि अगर बबूल के पेड़ पर कहीं आम मिल जाता है तो आम के पेड़ तक लोग बहुत कम जाना चाहते हैं. वैसे ही पिछले लोकसभा के चुनाव में संविधान और आरक्षण को इस तरह से पेश किया गया कि लोग भ्रम में आ गए. इसके चलते हम जो चाहते थे कि एनडीए को इतनी सीटें मिले, उतनी सीटें नहीं मिली. बावजूद इसके, भारत की महान जनता ने हमको, यानी एनडीए को ही सत्ता चलाने का अधिकार दिया. इसी वजह से वो लोग आज संविधान और आरक्षण की बात कर रहे हैं, लेकिन अब भारत की महान जनता समझ गई है कि वो लोग जो भी कर रहे हैं, ये सिर्फ उन लोगों का जुमला है. सच्चाई यही है कि एनडीए और एनडीए के लोग ही हमारे अंबेडकर साहब, संविधान और आरक्षण के संरक्षक हैं.'
'काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'कहा जाता है कि काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है, तो उसी प्रकार एक बार इनको मौका मिल गया. इन लोगों ने गलतफहमी फैलाकर एनडीए के सीट को थोड़ा मिनिमाइज कर दिया, लेकिन इतना सब कुछ होते हुए भी भारत की इतनी महान जनता है कि लोगों ने हमें सत्ता में आने की जगह दे दी. भारत की जनता ने एकदम स्पष्ट सोच लिया है कि अंबेडकर साहब की अगर बेइज्जती की गई है, अंबेडकर साहब को अपमानित किया है, उनको नीचे दिखाने का काम किया है तो यह कांग्रेस वालों ने किया है. हम समझते हैं कि 2025 के विधानसभाओं के चुनाव में और फिर आगे आने वाले लोकसभा के चुनाव में हम लोगों को या नरेंद्र भाई मोदी जी को निश्चित रूप में इतना ज्यादा बहुमत मिलेगा कि जिसके बारे में विरोधी कल्पना नहीं कर सकते हैं.'
'यहां डेमोक्रेसी है, डिक्टेटरशिप नहीं'
सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बात करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा, 'हम लोगों के यहां डेमोक्रेसी है, डिक्टेटरशिप नहीं है. हम लोगों के यहां तंत्र बना हुआ है. एनडीए में हम लोग हैं. एनडीए की कोर कमेटी होती है. सीटें अब कितनी मिलनी चाहिए, हम अपनी बात नहीं कर सकते. कल हमने एग्जीक्यूटिव की बैठक की है, उसमें कुछ तय हुआ है. कुछ और कोर कमेटी की बैठक होगी, उसमें तय होगा और फिर उसके बाद जो हमारे एनडीए के साथी हैं, उनसे वार्ता करके निश्चित रूप में हम लोग सम्मानजनक सीट लेकर के आगे बढ़ेंगे. हमको विश्वास है कि नरेंद्र मोदी जी का जो नेतृत्व है और जिस प्रकार से जीतन मांझी पर उनका प्रेम और श्रद्धा है, हम समझते हैं कि जैसा हम लोग चाहेंगे, वो मिलना ही मिलना है.'
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