मैसूरु (कर्नाटक): कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को दोहराया कि वह कथित MUDA भूमि आवंटन घोटाले पर इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि विपक्ष उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है.
सिद्धारमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. एचडी कुमारस्वामी एक मंत्री हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद वह जमानत पर हैं. वे नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं. यह हमारी सरकार को अस्थिर करने की उनकी राजनीति है; इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं."
उन्होंने ऑपरेशन लोटस की कोशिश की लेकिन असफल रहे
उन्होंने कहा, "उन्होंने ऑपरेशन लोटस की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे क्योंकि हम 136 विधायक हैं. उन्होंने बिना जनादेश के दो बार सरकार बनाई; क्या येदियुरप्पा जीत गए? हम इसे कानूनी रूप से लड़ेंगे."
सिद्धारमैया सरकार में वरिष्ठ मंत्री प्रियांक खरगे ने भाजपा को चुनौती दी कि अगर उनके पास MUDA मामले में कोई कथित भ्रष्टाचार है तो वे सबूत या साक्ष्य प्रदान करें.
मुख्यमंत्री बहुत स्पष्ट हैं कि वह जांच के लिए तैयार हैं- प्रियांक
प्रियांक खडरगे ने कहा, "मुख्यमंत्री बहुत स्पष्ट हैं कि वह जांच के लिए तैयार हैं, और हमने मामलों के शीर्ष पर एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के साथ एक एसआईटी भी गठित की है. भाजपा उन्हें किसी भी प्रकृति का कोई भी दस्तावेज देने के लिए स्वतंत्र है. और अब जब लोकायुक्त भी लूप में हैं, वे भी ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं, मीडिया से बात करने के बजाय उन्हें अपने पास मौजूद सभी दस्तावेज जांच एजेंसियों को देना चाहिए."
हालांकि, बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने शुक्रवार को कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने MUDA घोटाले में व्यापक भ्रष्टाचार का अपना अपराध स्वीकार कर लिया है.
कांग्रेस उन लोगों को बढ़ावा देती हैं जो भ्रष्टाचार में शामिल हैं
प्रदीप भंडारी ने कहा, "कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने स्वीकार किया है कि MUDA घोटाले में प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने स्वीकार किया है कि वह दोषी हैं. यही सटीक कारण है कि उन्होंने सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति रद्द कर दी है. कर्नाटक HC निष्कर्ष निकाला कि मुख्यमंत्री MUDA घोटाले में अपने परिवार को 55 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ देने में शामिल थे. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एक भ्रष्ट व्यक्ति हैं, अपने भ्रष्टाचार को बचाने के लिए, वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई स्वतंत्र एजेंसी इसकी जांच न करे. समस्या की जड़ राहुल गांधी हैं क्योंकि वह कांग्रेस में उन लोगों को बढ़ावा देते हैं जो भ्रष्टाचार में शामिल हैं.
बुधवार को बेंगलुरु की विशेष अदालत ने एक आदेश पारित कर कर्नाटक लोकायुक्त को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा उनकी पत्नी पार्वती को 56 करोड़ रुपये की 14 साइटों के आवंटन में अवैधताओं के आरोप पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया. यह आदेश कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा कथित MUDA घोटाले में सिद्धारमैया की जांच के लिए राज्यपाल की मंजूरी को बरकरार रखने के बाद आया है.
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