गृह मंत्रालय ने मणिपुर हिंसा के 3 मामलों की जांच NIA को सौंपी, इनमें CRPF-कुकी के बीच गोलीबारी शामिल

    6 लोगों के अपहरण से जुड़ा एक अलग मामला एनआईए को सौंप दिया गया है. जिरीबाम में 6 लोगों के अपहरण के तुरंत बाद उनके शव बरामद किए गए हैं.

    गृह मंत्रालय ने मणिपुर हिंसा के 3 मामलों की जांच NIA को सौंपी, इनमें CRPF-कुकी के बीच गोलीबारी शामिल
    एनआईए की प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा से जुड़े तीन प्रमुख मामलों की जांच की जिम्मेदारी संभाली है, जिसके परिणामस्वरूप लोगों की जान गई और सार्वजनिक व्यवस्था में व्यापक व्यवधान हुआ.

    एजेंसी ने गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए निर्देश के बाद मणिपुर पुलिस से इन मामलों की जांच अपने हाथ में ली है, क्योंकि तीन मामलों से जुड़ी हिंसक गतिविधियों के कारण पहाड़ी राज्य में हाल के महीनों में घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे मौतें हुई हैं और सामाजिक अशांति फैली है.

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    इन मामलों में CRPF, कुकी के बीच गोलीबारी शामिल

    इन मामलों में मणिपुर के जिरीबाम इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और कुकी उग्रवादियों के बीच गोलीबारी शामिल है. गोलीबारी में कम से कम 10 कुकी उग्रवादी मारे गए.

    6 लोगों के अपहरण से जुड़ा एक अलग मामला एनआईए को सौंप दिया गया है. जिरीबाम में 6 लोगों के अपहरण के तुरंत बाद उनके शव बरामद किए गए हैं.

    एनआईए ने इस घटना के संबंध में एक अलग मामला दर्ज किया है.

    बिगड़ते हालात को देखते हुए गृह मंत्रालय ने NIA को सौंपा

    बढ़ती अस्थिरता के जवाब में, गृह मंत्रालय ने निर्देश जारी करते हुए इन तीनों मामलों को मणिपुर पुलिस से एनआईए को सौंप दिया था, जो अब हिंसा की परिस्थितियों और मणिपुर में शांति और सुरक्षा पर इसके बड़े प्रभाव की जांच करेगी.

    16 नवंबर को, गृह मंत्रालय ने एक बयान में बताया था कि "प्रभावी जांच के लिए महत्वपूर्ण मामलों को एनआईए को सौंप दिया गया है."

    गृह मंत्रालय का बयान ऐसे समय में आया है जब पिछले कुछ दिनों से मणिपुर में सुरक्षा के हालात नाजुक बने हुए हैं क्योंकि संघर्षरत दोनों समुदायों (कुकी-जो-हमार और मैतेई) के सशस्त्र उपद्रवी हिंसा में लिप्त हैं, जिससे दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से लोगों की जान जा रही है और सार्वजनिक व्यवस्था में मुश्किल पैदा हो रही है.

    हाल ही में हुई हिंसा के बाद, सभी सुरक्षा बलों को व्यवस्था और शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है, और हिंसक और विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त होने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

    गृह मंत्रालय ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है

    गृह मंत्रालय ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर विश्वास न करने तथा मणिपुर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया था.

    हिंसा के फिर से उभरने से निपटने के लिए गृह मंत्रालय महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, जिसमें अतिरिक्त 2,000 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों की तैनाती शामिल है.

    सूत्रों ने संकेत दिया कि यदि आवश्यक हुआ तो सीएपीएफ की और कंपनियां भेजी जाएंगी. मणिपुर में हाल ही में सुरक्षा स्थिति का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई. वह आज एक और उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

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