Hathras Stampede:
हाथरस (उत्तर प्रदेश): हाथरस में भगदड़ की जांच कर रही एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने 119 बयान दर्ज किए हैं और मंगलवार को एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें कहा गया है कि 'सत्संग' का आयोजन करने वाली समिति अनुमति से अधिक लोगों को आमंत्रित करने के लिए जिम्मेदार थी.
सत्संग के आयोजक समिति जिम्मेदार
सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि 'सत्संग' के आयोजन के लिए जिम्मेदार समिति भगदड़ की घटना के लिए जिम्मेदार थी. समिति ने अनुमति से अधिक लोगों को आमंत्रित किया, पर्याप्त व्यवस्था करने में विफल रही और अधिकारियों ने अनुमति देने के बावजूद घटनास्थल का निरीक्षण नहीं किया. लगभग 300 पन्नों की रिपोर्ट में मृतक और घायल श्रद्धालुओं के परिवार के सदस्यों सहित 119 लोगों के बयान दर्ज किए गए.
#BreakingNews: हाथरस हादसे पर बड़ा अपडेट, SIT ने CM योगी को सौंपी रिपोर्ट
— Bharat 24 - Vision Of New India (@Bharat24Liv) July 9, 2024
रिपोर्ट के आधार पर कई अधिकारियों पर गिर सकती है गाज,देखिए रिपोर्ट
Watch : https://t.co/456WzaUdjS#UttarPradesh #Hathras #SIT #CMYogi #Bharat24Digital@myogiadityanath @BJP4India @CMOfficeUP… pic.twitter.com/Z3wBfo9Ovz
बाबा के चरण धूल इकट्ठा करने की कोशिश की गई
इससे पहले सोमवार को घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया कि बड़ी संख्या में भक्तों द्वारा "बाबा के चरण धूल" (भगवान के पैरों से मिट्टी) इकट्ठा करने की कोशिश के कारण भगदड़ मची. मुगलगढ़ी गांव के सुधीर प्रताप सिंह ने कहा, "यह घटना तब हुई जब 'बाबा' ने घोषणा की कि भक्तों को उनके पैरों के आसपास से मिट्टी लेनी चाहिए. भक्त जल्दबाजी में मिट्टी लेने के लिए दौड़े, लेकिन वे गिरने लगे और ढेर लगने लगे.
CM योगी ले सकते हैं एक्शन
वहीं एसआईटी द्वारा सौंपी गई मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को सौंपी गई रिपोर्ट. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब रिपोर्ट के आधार पर कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.
यह भी पढ़े: अपराधों की बढ़ती हुई घटना को देखकर एक्शन मोड में हरियाणा सरकार, CM ने आज बुलाई गृह विभाग की बैठक