इंस्ताबुल: तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यप एर्दोगन ने हाल ही में एशिया के तीन देशों – इंडोनेशिया, मलेशिया और पाकिस्तान का दौरा किया. उनके इस दौरे का खासा असर हुआ, विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में, क्योंकि इन देशों के साथ कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इन समझौतों से भविष्य में तुर्की के रक्षा उद्योग को फायदा होने की उम्मीद है, साथ ही इन देशों के साथ साझेदारी भी मजबूत होगी.
मलेशिया में 11 समझौते
मलेशिया में राष्ट्रपति एर्दोगन ने 11 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. एक प्रमुख समझौता देश के होम मिनिस्ट्री और देसां शिपयार्ड के बीच था, जिसके तहत बहु-कार्यात्मक मिशन जहाजों की खरीद की जाएगी. हालांकि इस समझौते की वित्तीय राशि का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह उम्मीद जताई गई है कि ये जहाज 2027 की पहली तिमाही तक पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएंगे. इन जहाजों में हेलीडेक, दो एरियल ड्रोन और चार फास्ट इंटरसेप्टर बोट्स जैसी विशेषताएं होंगी, और ये जहाज गहरे समुद्र में 30 दिनों तक लगातार काम करने में सक्षम होंगे.
इंडोनेशिया का दौरा
इसके बाद, राष्ट्रपति एर्दोगन ने इंडोनेशिया का दौरा किया, जहां 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इनमें से एक महत्वपूर्ण समझौता तुर्की की रिपब्लिककॉर्प और बायकार कंपनियों के बीच था, जिसके तहत इंडोनेशिया में ड्रोन निर्माण के लिए एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया जाएगा. यह नया संयंत्र बिना पायलट वाले हवाई वाहन (UAVs) के उत्पादन और रखरखाव पर ध्यान केंद्रित करेगा. इस समझौते के तहत, मलेशिया में बायरकटार TB3 ड्रोन का उत्पादन भी शुरू किया जाएगा, जिसमें 60 ड्रोन सेट्स के उत्पादन की योजना है. इसके अलावा, बायरकटार अकिंसी ड्रोन का उत्पादन भी मलेशिया में किया जाएगा. बायकार तकनीकी हस्तांतरण, उत्पादन सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जबकि रिपब्लिककॉर्प नियामक अनुपालन, बुनियादी ढांचे का विकास और विशेषज्ञ प्रमाणन में मदद करेगा, ताकि इंडोनेशिया के रक्षा उद्योग को मजबूत किया जा सके.
पाकिस्तान का दौरा
पाकिस्तान में, राष्ट्रपति एर्दोगन और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने रक्षा संबंधित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें सैन्य और नागरिक कर्मियों के सामाजिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए आदान-प्रदान पर प्रोटोकॉल, वायु सेना के इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सहयोग पर समझौता ज्ञापन, और सैन्य स्वास्थ्य में प्रशिक्षण और सहयोग पर प्रोटोकॉल शामिल हैं. ये समझौते तुर्की के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री यासर गुलर और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा एम. आसिफ द्वारा हस्ताक्षरित किए गए.
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