अवैध भारतीय प्रवासियों को कोस्टा रिका भेजेगा अमेरिका, ट्रंप के फैसले से मचा हड़कंप

कोस्टा रिका के राष्ट्रपति रोड्रिगो चावेस रॉबल्स के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, अमेरिका की वित्त पोषित योजना के तहत निर्वासन प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो चुकी है.

अवैध भारतीय प्रवासियों को कोस्टा रिका भेजेगा अमेरिका, ट्रंप के फैसले से मचा हड़कंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की फाइल फोटो.

वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका ने अवैध प्रवासियों पर अपनी नीति को और सख्त करते हुए भारत सहित कई देशों के प्रवासियों को मध्य अमेरिकी देश कोस्टा रिका भेजने का फैसला किया है. कोस्टा रिका सरकार ने अमेरिका के साथ एक नए समझौते के तहत यह सहमति दी है कि निर्वासित भारतीय प्रवासियों को अस्थायी रूप से वहां हिरासत में रखा जाएगा.

कोस्टा रिका के राष्ट्रपति रोड्रिगो चावेस रॉबल्स के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, अमेरिका की वित्त पोषित योजना के तहत निर्वासन प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो चुकी है. प्रवासियों को पनामा की सीमा के पास स्थित एक अस्थायी केंद्र में रखा जाएगा, जहां उनके भविष्य को लेकर फैसला किया जाएगा.

यह भी पढे़ं : F-35 फाइटर जेट की विश्वसनीयता पर उठे सवाल, इसे भारत को क्यों बेचना चाहता है अमेरिका?

क्या होगा इन प्रवासियों का भविष्य?

अमेरिका और कोस्टा रिका ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि हिरासत में लिए जाने के बाद प्रवासियों के साथ क्या किया जाएगा. हालांकि, यह समझौता अमेरिका को अपने देश में बड़े हिरासत केंद्रों की स्थापना से बचाने और अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर नकारात्मक छवि को नियंत्रित करने में मदद करेगा.

कोस्टा रिका सरकार के अनुसार, अमेरिका 200 अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने के लिए कोस्टा रिका के सहयोग से काम कर रहा है. इन निर्वासित प्रवासियों में भारत और मध्य एशियाई देशों के नागरिक शामिल होंगे.

भारत ने 18,000 अवैध प्रवासियों को वापस लेने पर दी सहमति

अमेरिका में मौजूद 18,000 से अधिक अवैध भारतीय प्रवासियों को भारत वापस भेजने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है. हाल ही में तीसरा विमान, जिसमें 112 भारतीय नागरिक थे, पंजाब के अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा.

यह भी पढे़ें : ज़ेलेस्की से बातचीत को तैयार हुए पुतिन, रूस-यूक्रेन युद्ध पर जल्दी हो सकता है बड़ा फैसला

पीएम मोदी ने अमेरिका दौरे के दौरान क्या कहा?

पिछले सप्ताह वॉशिंगटन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत, अमेरिका में मौजूद किसी भी सत्यापित भारतीय अवैध प्रवासी को वापस लेने के लिए तैयार है. साथ ही, उन्होंने उन मानव तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता भी जताई, जो प्रवासियों को अवैध रूप से अमेरिका भेजने में शामिल होते हैं.

यह समझौता अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की कोस्टा रिका यात्रा के बाद हुआ, जिसमें ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवास पर सख्त कार्रवाई के लिए समर्थन मांगा था.

अन्य देशों में भी भेजे जा रहे अवैध प्रवासी

अमेरिका ने कोस्टा रिका के अलावा अल साल्वाडोर, पनामा और ग्वाटेमाला के साथ भी इसी तरह के समझौते किए हैं. पिछले हफ्ते पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन से अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे प्रवासियों को पनामा भेज दिया गया था.

इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने ग्वांतानामो बे में भी एक हिरासत केंद्र स्थापित किया है, जहां अमेरिका पर हुए 9/11 आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों को भी रखा गया है.

भारत पर क्या असर पड़ेगा?

भारत के लिए यह समझौता मिश्रित प्रतिक्रिया लेकर आया है. एक ओर, भारत सरकार अवैध प्रवासियों को वापस लेने और मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं दूसरी ओर, विपक्षी दल इस नीति की आलोचना कर रहे हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की नई प्रवासी नीति भारत सहित कई देशों को प्रभावित करेगी. हालांकि, यह देखना होगा कि कोस्टा रिका में अस्थायी रूप से भेजे गए भारतीय प्रवासियों का भविष्य आखिर क्या होता है?

यह भी पढे़ं : 'हम विकास अघाड़ी नहीं, महाराष्ट्र सरकार में सब ठीक है'— एकनाथ शिंदे ने कोल्ड वार की बात खारिज की