दिल्ली शराब नीति मामला : LG वीके सक्सेना ने ED को दी केजरीवाल पर केस चलाने की इजाजत, सुनवाई 5 फरवरी को

    अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दोनों मामलों में जमानत पर बाहर हैं, जो अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति से जुड़ी है.

    दिल्ली शराब नीति मामला : LG वीके सक्सेना ने ED को दी केजरीवाल पर केस चलाने की इजाजत, सुनवाई 5 फरवरी को
    दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल, फाइल

    नई दिल्ली : आगामी 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले, दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने आबकारी नीति मामले में AAP प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को अनुमति दे दी है.

    5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी.

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    सरकारी आबकारी नीति की महीनों जांच के बाद उठाया कदम

    यह कदम दिल्ली सरकार की आबकारी नीति की महीनों की जांच के बाद उठाया गया है, जो विवाद और भ्रष्टाचार के आरोपों के केंद्र में रही है.

    इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया द्वारा दायर याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया. याचिका में दिल्ली आबकारी शराब नीति मामले में आरोपपत्रों पर संज्ञान लेने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है.

    5 फरवरी को मामले की होगी सुनवाई

    न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ द्वारा मामले की सुनवाई 5 फरवरी को तय की गई है.

    हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की याचिका पर नोटिस जारी किया था, जिसमें कथित आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी.

    अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दोनों मामलों में जमानत पर बाहर हैं, जो अब खत्म हो चुकी आबकारी नीति से जुड़ी है.

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    जानबूझकर आबकारी नीति गड़बड़ बनाने का आरोप

    प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुसार, आबकारी नीति जानबूझकर गड़बड़ी के साथ तैयार की गई थी, ताकि आप नेताओं को लाभ पहुंचाया जा सके और कार्टेल गठन को बढ़ावा दिया जा सके.

    ईडी ने आप नेताओं पर छूट, लाइसेंस शुल्क माफी और कोविड-19 के वक्त राहत समेत तरजीही इलाज के बदले शराब कारोबारियों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है.

    ईडी ने आगे आरोप लगाया कि "घोटाले" में 6% रिश्वत के बदले में निजी संस्थाओं को 12% मार्जिन के साथ थोक शराब वितरण अधिकार दिए गए. इसके अतिरिक्त, आप नेताओं पर 2022 की शुरुआत में पंजाब और गोवा में चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया.

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