ढाका (बांग्लादेश) : बांग्लादेश में पुलिस ने शनिवार सुबह शकुएयर इलाके में हिंदू मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, अधिकारियों ने जानकारी दी है.
उत्तरी मैमनसिघ जिले के अंतर्गत हलुआघाट पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी (ओसी) अबुल खैर ने कहा, "हमने शकुएयर इलाके में हिंदू मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में आज सुबह एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है."
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37 साल के अजहरुल को पुलिस कोर्ट में करेगी पेश
खैर ने बताया कि आरोपी 37 वर्षीय अजहरुल नाम का व्यक्ति है. उसे आज कोर्ट में पेश किया जाएगा.
उन्होंने कहा, "गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम अजहरुल (37) है. हम उसे आज कोर्ट में पेश करेंगे."
पुलिस के अनुसार, बदमाशों ने शकुएयर इलाके में एक निर्माणाधीन मंदिर की दो मूर्तियों के सिर तोड़ दिए थे.
निर्माणाधीन मंदिर में मूर्तियों को तोड़ने का है आरोप
ओसी ने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा, "गुरुवार रात बदमाशों ने शकुएयर इलाके में एक मंदिर में निर्माणाधीन दो मूर्तियों के सिर तोड़ दिए थे."
इस बीच, विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में बांग्लादेश में हिंसा से संबंधित एक सवाल के लिखित उत्तर में बताया कि इस साल अक्टूबर तक बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के 2,200 मामले सामने आए हैं.
उन्होंने जवाब दिया, "8 दिसंबर 2024 तक बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के 2,200 मामले और अक्टूबर 2024 तक पाकिस्तान में 112 मामले सामने आए हैं."
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इन घटनाओं को "गंभीरता" से लिया है और बांग्लादेश सरकार के समक्ष अपनी चिंता व्यक्त की है.
उन्होंने कहा, "सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है. भारत को उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी."
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के बाद जारी है उथल-पुथल
उल्लेखनीय रूप से, बांग्लादेश वर्तमान में छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन के बाद उथल-पुथल भरे दौर का सामना कर रहा है, जिसके कारण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बाहर होना पड़ा. यह आंदोलन कई हिंसक घटनाओं से शुरू हुआ था, जिसमें हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले, साथ ही हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करना शामिल था.
जून 2024 में बांग्लादेश में स्थिति तब बिगड़ने लगी, जब ढाका के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र सरकारी नौकरियों के लिए देश की कोटा प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर एकजुट हुए, जिसके कारण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बाहर होना पड़ा. हफ़्तों तक चले विरोध-प्रदर्शन और हिंसा के बाद 600 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई. हसीना भारत भाग गईं और यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला.
इसके बाद, इस्कॉन के पूर्व पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में ढाका हवाई अड्डे से पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया, जिससे दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.
मोहम्मद यूनुस के अंतरिम सरकार का कार्यभार संभालने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमले भी हमले हुए हैं.
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