दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को रिहा किया जाएगा क्योंकि तिहाड़ जेल अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से रिहाई का आदेश मिल गया है. करीब 50 दिन जेल में बिताने के बाद मुख्यमंत्री रिहा होंगे.
जेल अधिकारियों ने कहा, "दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिहाई का आदेश तिहाड़ जेल अधिकारियों को मिल गया है. उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा."
यह भी पढे़ं : केजरीवाल अब जेल से आएंगे बाहर, सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत
मुख्यमंत्री की रिहाई से पहले तिहाड़ जेल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. और केजरीवाल के आवास के बाहर उनके जोरदार स्वागत की तैयारी चल रही है.
केजरीवाल, मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे
आज, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी है, इस शर्त के साथ कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय या दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे. अदालत के आदेश के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री को जेल अधीक्षक की संतुष्टि के लिए 50,000 रुपये की राशि के जमानत बांड और इतनी ही राशि की जमानत राशि देनी होगी. साथ ही वह मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय भी नहीं जाएंगे.
केजरीवाल किसी भी गवाह से बातचीत नहीं कर सकेंगे
शीर्ष अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि वह किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे या मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उनकी पहुंच नहीं होगी. पीठ ने आदेश दिया कि वह वर्तमान मामले में "अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे."
आदेश में कहा गया है, "वह अपनी ओर से दिए गए बयान से बाध्य होंगे कि वह आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि यह आवश्यक न हो और दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो."
जैसे ही शीर्ष अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी, केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने 4 जून को परिणाम घोषित होने तक उन्हें अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया.
इसमें आगे कहा गया कि वर्तमान मामले में जांच अगस्त 2022 से लंबित है और केजरीवाल को 21 मार्च, 2024 को गिरफ्तार किया गया था. पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि अंतरिम जमानत देने को मामले की योग्यता या आपराधिक अपील पर राय की अभिव्यक्ति के रूप में नहीं माना जाएगा जो उसके समक्ष विचाराधीन है.
पीठ ने यह भी कहा कि इस स्तर पर उसके लिए दलीलें पूरी करना या गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर अंतिम फैसला सुनाना संभव नहीं है.
केजरीवाल ने शीर्ष अदालत में अपील दायर करते हुए दलील दी थी कि आम चुनाव की घोषणा के बाद उनकी गिरफ्तारी बाहरी विचारों से प्रेरित थी.
केजरीवाल को अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था. आप सुप्रीमो के दिल्ली में 25 मई को होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर पार्टी के चुनाव अभियानों में भाग लेने की संभावना है.
ये भी पढ़ें- मणिशंकर अय्यर के बयान पर राजीव चन्द्रशेखर का जवाब, कहा- यह नया भारत है, किसी से डरेगा नही