'यदि आप डेटा हटाते हैं, तो सच्चाई कैसे सामने आएगी?', EC को दिए SC के निर्देश का कांग्रेस ने किया स्वागत

सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग से अपने पिछले फ़ैसले के अनुपालन में ईवीएम में जली हुई मेमोरी और सिंबल लोडिंग यूनिट के सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.

'यदि आप डेटा हटाते हैं, तो सच्चाई कैसे सामने आएगी?', EC को दिए SC के निर्देश का कांग्रेस ने किया स्वागत
सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो.

नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारत के चुनाव आयोग को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की सत्यापन प्रक्रिया के दौरान डेटा मिटाने या फिर से लोड करने से परहेज़ करने के निर्देश का स्वागत किया.

"मैं इस पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करता हूँ. एक विवाद है, और यदि आप डेटा हटाते हैं, तो सच्चाई और तथ्य कैसे सामने आएंगे? इसे उसी स्थिति में छोड़ना ज़रूरी है. सुप्रीम कोर्ट को विशेषज्ञों को बुलाकर जांच करनी चाहिए कि क्या हुआ है और क्या संभावनाएँ हैं; तभी कोर्ट किसी निर्णय पर पहुँच सकता है," तिवारी ने एएनआई से कहा.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारत के चुनाव आयोग से अपने पिछले फ़ैसले के अनुपालन में ईवीएम में जली हुई मेमोरी और सिंबल लोडिंग यूनिट के सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा.

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की विशेष पीठ ने चुनाव आयोग से कहा कि वह सत्यापन प्रक्रिया के दौरान डेटा को मिटाने या फिर से लोड करने से परहेज करें. पीठ ने चुनाव आयोग से 15 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने और अपनाई गई प्रक्रिया की व्याख्या करने को कहा. पीठ ने मामले को 3 मार्च से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए लिस्ट कर दिया है.

ईवीएम की जली हुई मेमोरी/माइक्रो कंट्रोलर की जांच की याचिका

शीर्ष अदालत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जली हुई मेमोरी/माइक्रो-कंट्रोलर और सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) की जांच और सत्यापन करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर एक नए आवेदन में कहा गया है कि ईवीएम के सत्यापन के लिए चुनाव आयोग की मानक संचालन प्रक्रिया ईवीएम-वीवीपीएटी मामले में पारित 2024 के फैसले के अनुरूप नहीं थी.

इसने शीर्ष अदालत से चुनाव आयोग को ईवीएम की मूल जली हुई मेमोरी के कंटेंट को साफ करने या हटाने से परहेज करने का निर्देश देने की अपील की, खासकर उन मामलों में जहां सत्यापन आवेदन लंबित थे.

2024 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कही थी ये बात

26 अप्रैल, 2024 के अपने फैसले में, सर्वोच्च न्यायालय ने पुरानी पेपर बैलेट प्रणाली पर वापस लौटने की मांग को अस्वीकार कर दिया था.

पेपर बैलेट प्रणाली पर वापस लौटने की दलीलों को खारिज करते हुए शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि मतदान उपकरण सुरक्षित हैं और बूथ कैप्चरिंग और फर्जी मतदान को खत्म कर दिया है.

हालांकि, इसने चुनाव परिणामों में दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले असफल उम्मीदवारों को चुनाव आयोग को शुल्क का भुगतान करके लिखित अनुरोध पर प्रति विधानसभा क्षेत्र में 5 प्रतिशत ईवीएम में लगे माइक्रो-कंट्रोलर चिप्स के सत्यापन की अनुमति दी थी.