नई दिल्ली : शायद ही कभी हमें कोई ऐसी बाल फिल्म देखने को मिलती है जो रोमांच, विज्ञान-कथा, कॉमेडी, ड्रामा और भावनाओं से भरपूर हो. ऐसी ही एक फिल्म जो अपनी खासियत के कारण उत्सुकता जगाती है, वह है लेखक-निर्देशक गौतम सिद्धार्थ की "अगर मगर किन्तु लेकिन परन्तु" जो रिलीज के लिए तैयार है.
महान साहित्यकार रवींद्रनाथ टैगोर के नाटक डाक घर की साहित्यिक कृतियों से प्रेरित होकर, निर्देशक गौतम सिद्धार्थ ने आगामी फिल्म "अगर मगर किन्तु लेकिन परंतु" में कहानी को आज के दौर को छूते हुए बनाया गया है.
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इस फिल्म का निर्माण 7 महिलाओं और एक पुरुष ने किया है
बदलते ट्रेंड के मुताबिक, एक जिक्र करने वाली खासियत यह है कि इस फिल्म का निर्माण सामूहिक रूप से 7 महिला और एक पुरुष निर्माताओं द्वारा किया गया है. प्रदीप दास और तनिष्का दास इस मनोरंजक फिल्म के मुख्य निर्माता हैं जो बच्चों और पूरे परिवार के लिए बनाई गई है.
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए गौतम सिद्धार्थ ने बताया, "अगर मगर किन्तु लेकिन परन्तु एक लाइव एक्शन फिल्म है, जिसमें बहुत सारे स्पेशल इफेक्ट्स और एनिमेशन का इस्तेमाल किया गया है. इसकी ऑडियो मिक्सिंग 7.1 डॉल्बी एटमॉस पर की गई है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल खाती है. इस फिल्म के गाने पांच संगीतकारों ने लिखे हैं."
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बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी बांधे रखेगी फिल्म
निर्देशक ने कहा, "कहानी की मूल आत्मा को बरकरार रखते हुए, क्योंकि यह रवींद्रनाथ टैगोर के साहित्यिक कार्यों से प्रेरित है, हमने इस फिल्म की कहानी को आधुनिक युग के अनुरूप रोमांच, विज्ञान कथा, नाटक, कॉमेडी और भावनाओं के साथ फिर से तैयार किया है, जो बच्चों के साथ-साथ उनके बड़ों को भी पूरी फिल्म में बांधे रखेगा और उनका मनोरंजन करेगा."
प्रदीप दास ने बताया "अगर मगर लेकिन परांटू" भारत और विदेशों में रिलीज के लिए तैयार है.
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