'यह नजर नहीं आता', दीपिका पादुकोण ने अपने 'डिप्रेशन' की बात बताई, कहा— कैसे वह जीना नहीं चाहती थीं

'ओम शांति ओम' फिल्म की अभिनेत्री जो अक्सर अपनी चिंता और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में मुखर रही हैं, जिन्होंने उस पल को साझा किया जब उन्हें एहसास हुआ कि वह डिप्रेशन से पीड़ित हैं.

'यह नजर नहीं आता', दीपिका पादुकोण ने अपने 'डिप्रेशन' की बात बताई, कहा— कैसे वह जीना नहीं चाहती थीं
बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण | Photo- ANI

नई दिल्ली : दीपिका पादुकोण ने अपने जीवन के उस दौर के बारे में खुलकर बात की, जब वह डिप्रेशन से जूझ रही थीं, और कहा कि कैसे यह 'नजर न आने' के बावजूद इस स्थिति ने उन पर गहरा प्रभाव डाला, जिससे वह रोने लगी थीं और जीने इच्छा नहीं बची थी.

उन्होंने ये बातें बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'परीक्षा पे चर्चा 2025' कार्यक्रम में छात्रों से बातचीत के दौरान कही.

अभिनेत्री पादुकोण अक्सर अपनी मानसिक सेहत पर मुखर रही हैं

'ओम शांति ओम' की अभिनेत्री जो अक्सर अपनी चिंता और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में मुखर रही हैं, जिन्होंने उस पल को साझा किया जब उन्हें एहसास हुआ कि वह डिप्रेशन से पीड़ित हैं.

"स्कूल के बाद, खेल, फिर मॉडलिंग, फिर अभिनय, मैंने लगातार काम किया. 2014 में एक दिन, मैं बेहोश हो गई. कुछ दिनों बाद, मुझे एहसास हुआ कि मुझे डिप्रेशन है. डिप्रेशन एक ऐसी चीज है जिसे हम देख नहीं सकते. यह दिखता नहीं है. यह संभव है कि हमारे बीच के लोग चिंतित या उदास महसूस करते हों. हम कभी नहीं जान पाते क्योंकि मैं मुस्कुरा रही होती हूं. मैं सभी का अभिवादन कर रही होती हूं. लंबे समय तक, मैंने किसी से कुछ साझा नहीं किया क्योंकि मैं तब मुंबई में रहती थी."

अभिनेत्री ने खुद को 'भाग्यशाली' बताया कि उनकी मां ने उनकी स्थिति को समझा और उन्हें एक सेशन के लिए एक मनोवैज्ञानिक के पास भेजने का फैसला किया. "मेरी माँ मुंबई में मुझसे मिलने आई थीं. वह कुछ दिनों तक मेरे साथ रहीं. जिस दिन वे बेंगलुरु रवाना हो रही थीं, मैं रोने लगी. उन्होंने पूछा, 'क्या हुआ? क्या किसी ने कुछ कहा? क्या काम को लेकर कुछ हुआ?'

और मैंने कहा, 'नहीं, मुझे नहीं पता कि यह क्या है. मैं बस पूरी तरह से असहाय और निराश महसूस कर रही हूं. मैं अब और जीना नहीं चाहती.' लेकिन मैं बहुत भाग्यशाली थी, उस समय मेरी मां को एहसास हुआ और उन्होंने एक मनोवैज्ञानिक को बुलाने का फैसला किया."

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दीपिका ने बताया- डिप्रेशन, चिंता, तनाव किसी को भी हो सकता है

उन्होंने कहा, "हमारे देश में मानसिक बीमारी एक कलंक हुआ करती थी. 'मुझे यह कैसे हो सकता है' या 'अगर मुझे यह है, तो हम किसी को नहीं बताएंगे. जैसे ही मैंने इस बीमारी के बारे में बात करना शुरू किया. मैं बहुत फ्री, बहुत हल्का महसूस करने लगी. वहां से मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर मेरी यात्रा शुरू हुई. डिप्रेशन, चिंता और तनाव किसी को भी कभी भी हो सकता है."

2015 में, दीपिका ने लाइवलवलाफ (LLL) फाउंडेशन की स्थापना की, जो मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करने, मानसिक बीमारी से जुड़े कलंक को कम करने और जरूरतमंदों के लिए विश्वसनीय मानसिक स्वास्थ्य संसाधन प्रदान करने में मदद करता है.

परीक्षा पे चर्चा 2025 में, दीपिका ने परीक्षा में अच्छे अंक पाने के दबाव से निपटने के लिए टिप्स भी साझा किए.

उन चीजों पर ध्यान दें, जिन्हें आप कंट्रोल कर सकते हैं : अभिनेत्री

"उन चीज़ों पर ध्यान दें जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं, जैसे "क्या मैं तैयार हूं या नहीं", यह मेरे नियंत्रण में है. पिछली रात तनाव महसूस करना. इसके बारे में अपने माता-पिता से बात करें. अपने शिक्षकों से बात करें. तनाव के कारण की पहचान करें और इसे किसी ऐसे व्यक्ति को बताएं जिस पर आप भरोसा करते हैं. यह तनाव से निपटने के तरीकों में से एक हो सकता है. अगर मैं ध्यान लगा रही हूं या व्यायाम कर रही हूं. यह मेरे कंट्रोल में है."

अभिनेत्री ने अपने शुरुआती स्कूली दिनों को भी याद किया और स्कूल में होने वाली सेलेबस से हटकर एक्टिविटीज और खेल आयोजनों के प्रति अपने लगाव को साझा किया.

दीपिका ने कहा, "मैं एक बहुत शरारती बच्ची थी. मुझे हमेशा सेलेबस हटकर एक्टिविटीज में रुचि थी... मैं फैशन, डांस और खेल दिवस के लिए बहुत उत्साहित रहती थी... मैं भाग्यशाली हूं कि मेरे पैरेंट्स ने मुझ पर अच्छे अंकों के लिए दबाव नहीं डाले... मैं पैरेंट्स से कहना चाहती हूं कि उन्हें अपने बच्चे की क्षमता को पहचानना चाहिए."

अभिनेत्री ने छात्रों के साथ सफलता का मंत्र साझा किया

अभिनेत्री ने छात्रों के साथ अपनी सफलता का मंत्र भी साझा किया.

दीपिका ने कहा, "एक तो यह क्लीयर होना चाहिए कि आप जीवन में क्या करना चाहते हैं. दूसरा, यह मजबूत भरोसा होना चाहिए कि मैं यह करने में योग्य हूं. जैसे कि मैं यह कर सकती हूं. क्या मैं इस दौरान असफल हो जाऊंगी? क्या मैं गलतियां करूंगी? 100 प्रतिशत मैं गलतियां करूंगी, यह आसान नहीं होने वाला है. ऐसे निगेटिव विचार न लाएं और सबसे महत्वपूर्ण बात कि मौज-मस्ती करें."

परीक्षा के दौरान पूरी नींद लेना बहुत जरूरीः  पादुकोण

'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के जरिए से मानसिक स्वास्थ्य की वकालत करते हुए, दीपिका ने टेंशन फ्री जीवन के लिए टिप्स साझा किए.

दीपिका ने कहा, "सबसे पहले पूरी नींद लें. नींद एक महाशक्ति है जो फ्री में उपलब्ध है. मुझे लगता है कि नींद अच्छे मानसिक सेहत का एक हिस्सा है. पर्याप्त धूप, कुछ ताजी हवा लेने के लिए बाहर जाएं. कुछ दिन की रोशनी लेना आपके मानसिक सेहत में मदद कर सकता है. हमेशा मदद के लिए आगे आएं."

'ओम शांति ओम' अभिनेत्री ने छात्रों पर परीक्षा के दबाव को लेकर बात करते हुए तनाव को जीवन का एक 'नेचुरल' हिस्सा बताया. उन्होंने छात्रों से परीक्षा और रिजल्ट के बारे में पेशेन्स रखने को कहा.

दीपिका पादुकोण ने तनाव होने को बताया नेचुरल

दीपिका ने कहा, "तनाव होना स्वाभाविक है और यह जीवन का एक हिस्सा है. हम इसे कैसे संभालते हैं, यह महत्वपूर्ण बात है... परीक्षा और परिणामों के संबंध में धैर्य रखना महत्वपूर्ण है... हम केवल वही कर सकते हैं जो हमारे कंट्रोल में है, हम अच्छी नींद ले सकते हैं, अच्छी तरह से हाइड्रेट (पानी की कमी को कम) कर सकते हैं, एक्सरसाइज कर सकते हैं और मेडिटेशन कर सकते हैं..."

फिल्म 'हैप्पी न्यू ईयर' की अभिनेत्री ने PPC के 8वें एडिशन में खुद को बुलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया.

इस एपिसोड को प्रधानमंत्री और PMO के एक्स प्रोफाइल और PM के YouTube चैनल सहित कई प्लेटफार्मों पर प्रसारित किया गया. छात्र इसे यहां पर देख सकते हैं.

2018 से पीएम मोदी इस कार्यक्रम को कर रहे हैं

2018 से पीएम मोदी छात्रों, शिक्षकों और गार्जियन के साथ बातचीत करने के लिए इस सालाना कार्यक्रम की मेजबानी (होस्टिंग) कर रहे हैं, जिसमें परीक्षाओं के दौरान टेंशन फ्री रहने के बारे में गाइड किया जाता है. यह कार्यक्रम स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय आयोजित करता है.

PPC के पहले 3 एडिशन नई दिल्ली में टाउन हॉल इंटरेक्टिव फॉर्मेट आयोजित किए गए थे. COVID-19 महामारी के कारण, चौथा एडिशन दूरदर्शन और सभी प्रमुख टीवी चैनलों पर ऑनलाइन आयोजित किया गया था.

पीपीसी के पांचवें, छठे और 7वें एडिशन का आयोजन फिर से नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में टाउन-हॉल फॉर्मेट में किया गया.

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