भारत ने ASTRA मिसाइल का किया सफल परीक्षण, तेजस MK1 से लॉन्च, इसकी ताकत जान उड़ जाएंगे दुश्मन के होश!

भारतीय वायुसेना ने 12 मार्च 2025 को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जब स्वदेशी अस्त्र (ASTRA) एयर-टू-एयर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में हुआ, जहां अस्त्र को पहली बार हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस MK1 प्रोटोटाइप से लॉन्च किया गया.

India successfully tested ASTRA missile launched from Tejas MK1 enemies will be shocked to know its power
तेजस MK1 से ASTRA मिसाइल लॉन्च/Photo- ANI

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना ने 12 मार्च 2025 को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जब स्वदेशी अस्त्र (ASTRA) एयर-टू-एयर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में हुआ, जहां अस्त्र को पहली बार हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस MK1 प्रोटोटाइप से लॉन्च किया गया. इस उपलब्धि ने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया है, जो स्वदेशी रूप से लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइल विकसित करने में सक्षम हैं. इससे पहले यह तकनीक अमेरिका, रूस और फ्रांस के पास थी.

स्वदेशी अस्त्र मिसाइल की ताकत

अस्त्र (ASTRA) मिसाइल, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है, 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक दुश्मन के विमानों को सटीक रूप से निशाना बनाने में सक्षम है. यह परीक्षण भारत की वायु रक्षा रणनीति को और मजबूत करेगा और आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी गति देगा.

अस्त्र मिसाइल की खासियतें

स्मोकलेस प्रोपल्शन तकनीक – यह तकनीक मिसाइल को लॉन्च के बाद अदृश्य बनाए रखती है, जिससे दुश्मन को इसका अंदाजा नहीं लग पाता.

एडवांस्ड इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम – यह तेज़ी से उड़ने वाले लक्ष्यों को भी सटीक निशाना बनाने की क्षमता देता है.

तेजस के साथ संगतता – अस्त्र मिसाइल को पहले सुखोई Su-30 MKI में एकीकृत किया जा चुका था, लेकिन अब यह तेजस MK1 के साथ भी पूरी तरह से फिट बैठ चुकी है.

भारतीय वायुसेना के लिए बड़ा कदम

इस परीक्षण के साथ ही, भारतीय वायुसेना को अपनी युद्धक क्षमता को और उन्नत करने का अवसर मिलेगा. तेजस MK1A वेरिएंट, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) विकसित कर रहा है, अस्त्र मिसाइल के साथ एक और अधिक प्रभावी लड़ाकू विमान बनेगा. इससे भारत की हवाई सुरक्षा प्रणाली को अभूतपूर्व मजबूती मिलेगी.

रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर DRDO, IAF, ADA और HAL की टीमों को बधाई दी और इसे भारत के आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग की दिशा में एक अहम कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह परीक्षण भारत को वैश्विक स्तर पर रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.

भविष्य की योजनाएँ

भारत आने वाले महीनों में अस्त्र मिसाइल के और भी परीक्षण करेगा ताकि इसकी कार्यक्षमता और सटीकता को और बेहतर बनाया जा सके. भविष्य में इसे LCA MK2 और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों में भी शामिल किया जाएगा. इससे भारतीय वायुसेना को आधुनिक युद्धक्षेत्र में और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकेगा और विदेशी हथियारों पर निर्भरता भी कम होगी.

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