मुंबई : अभिनेत्री और बीजेपी सांसद ने सान्या मल्होत्रा की फिल्म मिसेज की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि घरेलू महिलाओं की तुलना नौकरीपेशा लोगों से करना बंद करें. उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट में ये बातें कही है.
गौरतलब है कि अभिनेत्री सान्य मल्होत्रा की नई फिल्म मिसेज हाल ही में 17 फरवरी को ओटीटी प्लेटफॉर्म ZEE5 पर रिलीज हुई है. फिल्म को दर्शकों की जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है. वहीं कंगना ने बिना फिल्म का नाम लिए इसके कंटेंट को आड़े हाथों लिया है.
कंगना ने इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए कहा कि महिलाओं को कम वैल्यू मिलने की समस्या हो सकती है, लेकिन घर की महिलाओं की तुलना वेतन पाने वाले लोगों से करना बंद करना चाहिए.
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कंगना ने क्या कहा?
'घर की महिलाओं को हमेशा सम्मान मिला है'
कंगना ने लिखा, "बड़ी होते हुए मैंने कोई ऐसी महिला नहीं देखी, जो अपने घर में हुक्म न चलाती हो. मां, दादी, चाची— ये सब हमारे लिए रानी थीं. वे पूरे घर के नियम तय करती थीं, हर चीज़ कंट्रोल करती थीं, घर कैसे चलेगा, क्या खाया जाएगा, सब उनकी पसंद से तय होता था."
'घर बनाने और बच्चों को पालना कोई जबरदस्ती की मजदूरी नहीं'
कंगना ने उन फिल्मों की आलोचना की, जो घरेलू महिलाओं को "पीड़ित" के तौर पर दिखाती हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों को बड़ा करने और घर संभालने की खुशी को जबरदस्ती की मजदूरी की तरह दिखाना गलत है.
"जब पापा हमें बाहर खाने ले जाना चाहते थे, तो मां चिल्लाती थीं क्योंकि उन्हें हमारे लिए खाना बनाना पसंद था. यह खुशी थी, कोई बोझ नहीं."
'संयुक्त परिवार हमारी सबसे बड़ी ताकत'
कंगना ने कहा कि बॉलीवुड फिल्मों ने "शादी की धारणा को खराब किया है." उन्होंने लिखा कि शादी किसी की "वेलिडेशन" के लिए नहीं, बल्कि परिवार की भलाई के लिए की जाती है.
"हमारी सबसे बड़ी ताकत जॉइंट फैमिली है. तलाक को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. नई पीढ़ी को अपने बुजुर्ग माता-पिता को छोड़ने के लिए प्रेरित नहीं करना चाहिए."
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'शादी का असली मकसद समझें'
कंगना ने शास्त्रों का हवाला देते हुए लिखा, "शादी बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के लिए की जाती है, न कि सिर्फ अटेंशन पाने के लिए. हमारे माता-पिता ने हमारे लिए बहुत कुछ किया और कभी सवाल नहीं किया, बस कर दिया."
'अगर बहुत ज्यादा वेलिडेशन मांगेंगे, तो अकेले रह जाएंगे'
कंगना ने अपने पोस्ट के अंत में लिखा, "अगर आप हर चीज़ में वेलिडेशन और अटेंशन पाने की कोशिश करेंगे, तो एक दिन सिर्फ अपने थैरेपिस्ट के साथ अकेले रह जाएंगे."
'मिसेज' की कहानी क्या है?
फिल्म मिसेज एक ऐसी महिला की कहानी है, जो शादी के बाद घरेलू जिम्मेदारियों में उलझ जाती है और अपने सपनों को पीछे छोड़ने पर मजबूर होती है. यह फिल्म महिलाओं के संघर्ष और उनकी आत्म-खोज की कहानी को दर्शाती है, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा है.
हालांकि, कंगना का मानना है कि फिल्मों को महिलाओं की स्थिति को 'पीड़ित' के रूप में दिखाने की बजाय, उनकी ताकत और परिवार में उनकी अहम भूमिका को सामने लाना चाहिए.
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