'बांग्लादेश को टेररिस्ट देश बना दिया, यूनुस खान को छोड़ूंगी नहीं', शेख हसानी का बड़ा हमला

पिछले साल 5 अगस्त को हुए एक हिंसक आंदोलन के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, और वह भारत में रह रही हैं. हसीना ने यूनुस सरकार को आतंकवादी समर्थक करार दिया.

'बांग्लादेश को टेररिस्ट देश बना दिया, यूनुस खान को छोड़ूंगी नहीं', शेख हसानी का बड़ा हमला
बांग्लादेश के मौजूद मुख्य सलाहकार युनूुस खान और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, प्रतीकात्मक तस्वीर.

ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर कड़ी आलोचना की. हसीना ने कहा कि वह जल्द ही बांग्लादेश लौटेंगी और सुनिश्चित करेंगी कि हिंसा और अन्य अपराधों के शिकार परिवारों को न्याय मिले.

पिछले साल 5 अगस्त को हुए एक हिंसक आंदोलन के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, और वह भारत में रह रही हैं. हसीना ने यूनुस सरकार को आतंकवादी समर्थक करार दिया.

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अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन किया संबोधित

अवामी लीग के कार्यकर्ताओं से ऑनलाइन संबोधित करते हुए हसीना ने कहा, "यूनुस के पास सरकार चलाने का कोई अनुभव नहीं है. उसने सभी जांच समितियों को भंग कर दिया और आतंकवादियों को छोड़ दिया ताकि वे लोगों की हत्या कर सकें. वह बांग्लादेश को नष्ट करने पर तुला हुआ है. हम इस आतंकवादी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे, इंशाअल्लाह."

हसीना ने आगे कहा, "मैं हर पीड़ित परिवार की मदद करूंगी और यह सुनिश्चित करूंगी कि उनके हत्यारे बांग्लादेश में कानून का सामना करें. मुझे यकीन है कि अल्लाह ने मुझे जिंदा रखा है ताकि मैं देश में न्याय स्थापित कर सकूं." हसीना ने यह भी दावा किया कि पिछले साल जुलाई और अगस्त में छात्र विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोग पुलिस की गोली से नहीं मरे, बल्कि उनकी मौत की वास्तविकता पोस्टमार्टम के बाद सामने आ सकती है.

वहीं, शेख हसीना ने पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान संयम का परिचय दिया और केवल आत्मरक्षा में कार्रवाई की. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ उपद्रवी तत्वों ने सुनियोजित तरीके से पुलिसकर्मियों की हत्या की और पुलिस ने तब ही प्रतिक्रिया दी जब उन पर हमला किया गया.

हिंसा करने को वालों को बचाने का आरोप लगाया

हसीना ने यूनुस सरकार पर हिंसा करने वालों को बचाने का आरोप भी लगाया और कहा, "छात्रों द्वारा शुरू की गई हिंसा के कारण पुलिस, अवामी लीग के कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी और कलाकार मारे गए, लेकिन फिर भी यूनुस सरकार में कोई कार्रवाई नहीं की गई. मारे गए परिवारों को अब भी न्याय नहीं मिलेगा."

पूर्व प्रधानमंत्री ने मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश का शासन चलाने के लिए अयोग्य करार दिया और कहा, "यूनुस ने खुद स्वीकार किया है कि वह देश चलाने में सक्षम नहीं हैं, फिर भी वह इसी दिशा में बढ़ रहे हैं. उनके द्वारा सरकारी प्रतिष्ठानों और अधिकारियों पर हमले उनकी पूरी अक्षमता को उजागर करते हैं."

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