वॉशिंगटन डीसी: अमेरिका और यूक्रेन के शीर्ष नेतृत्व के बीच तनाव उस समय बढ़ गया जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच व्हाइट हाउस में गर्मागर्म बहस हो गई. इस अप्रत्याशित घटनाक्रम के चलते दोनों नेताओं की प्रस्तावित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी गई.
व्हाइट हाउस में तीखी बहस
शुक्रवार को हुई इस बैठक के दौरान, करीब 10 मिनट तक दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस चली. CNN की रिपोर्ट के अनुसार, चर्चा के दौरान टकराव इतना बढ़ गया कि यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल को ओवल ऑफिस छोड़ना पड़ा. इस बीच, ट्रम्प ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों – उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया.
ट्रम्प ने जताई असहमति
राष्ट्रपति ट्रम्प ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि "जेलेंस्की इस समय किसी ठोस वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं." उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वे अब तब तक कोई बातचीत आगे नहीं बढ़ाएंगे जब तक कि यूक्रेन वास्तविक रूप से शांति वार्ता के लिए तैयार न हो.
जेलेंस्की की प्रतिक्रिया
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने ट्रम्प से माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि वे तब तक किसी शांति समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि उन्हें सुरक्षा की गारंटी नहीं मिल जाती. फॉक्स न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा, "मैं ट्रम्प का सम्मान करता हूं, लेकिन मैंने कुछ भी गलत नहीं किया. यह बहस किसी के भी लिए अच्छी नहीं रही, लेकिन यह समझना ज़रूरी है कि यूक्रेन एक दिन में अपनी नीति नहीं बदल सकता."
अंतरराष्ट्रीय समर्थन
इस घटनाक्रम के बाद यूरोपीय देशों ने जेलेंस्की के प्रति समर्थन जताया. ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड, नॉर्वे, नीदरलैंड और यूरोपीय संघ के अन्य सदस्य देशों ने यूक्रेन के साथ अपनी एकजुटता दिखाई. कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी जेलेंस्की के प्रति समर्थन व्यक्त किया.
भविष्य की रणनीति
यह विवाद ऐसे समय में हुआ है जब रूस-यूक्रेन युद्ध में नया मोड़ आ सकता है. ट्रम्प प्रशासन ने यूक्रेन को दी जाने वाली मदद की समीक्षा शुरू कर दी है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका और यूक्रेन के संबंध इस घटनाक्रम के बाद किस दिशा में आगे बढ़ते हैं.
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