ढाका/नई दिल्ली: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार को गिराए हुए 6 महीने से अधिक समय बीत चुका है, पर प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस अब तक आम चुनाव कराने में नाकाम रहे हैं और सत्ता पर काबिज हैं. उनके नेतृत्व के प्रति असंतोष बढ़ता जा रहा है, खासकर उन छात्रों के बीच, जिन्होंने पहले उनके पक्ष में आंदोलन किया था.
यूनुस सरकार के शुरूआती दिनों से ही बांग्लादेश में कई विवादित घटनाएँ सामने आईं हैं, जिन्होंने उनके नेतृत्व और नीयत पर सवाल खड़े किए हैं. शेख हसीना को सत्ता से हटाने वाले छात्र नेता नाहिद हसन भी अब यूनुस सरकार से अलग होने का इरादा रखते हैं. नाहिद, जिन्हें सलाहकार IT मंत्री के रूप में पदोन्नति मिली थी, ने हाल ही में एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह संकेत दिया कि वे इस पद से इस्तीफा देने और एक नई राजनीतिक पार्टी में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं.
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चुनाव में देरी पर उठ रहे सवाल
नाहिद ने सोमवार को एक सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वे इस सप्ताह के अंत तक अपने इस्तीफे और नई पार्टी में शामिल होने के बारे में फैसला करेंगे. इसके बाद, यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यूनुस सरकार में असंतोष फैलने लगा है और वही छात्र जो पहले उनकी समर्थक थे, अब उनसे अलग हो रहे हैं.
यूनुस सरकार के शुरुआती दिनों में यह दावा किया गया था कि छह महीने के भीतर देश में चुनाव होंगे और नई सरकार का गठन होगा, लेकिन अब तक चुनाव नहीं हो सके हैं. यह देरी यूनुस के नेतृत्व पर और भी सवाल खड़े कर रही है.
नई पार्टी बनाने की दिशा में छात्र आंदोलन
पिछले हफ्ते, छात्र आंदोलन के संयोजक हसनत अब्दुल्ला ने ऐलान किया था कि वे देश में बदलाव लाने के लिए एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमने सिर्फ हसीना को सत्ता से हटाया है, लेकिन अब भी गलत सिस्टम के अन्य तत्वों को खत्म नहीं किया है. इसलिए, हमें अपना संघर्ष जारी रखना होगा और अंतिम जीत की ओर बढ़ना होगा." छात्र नेता अब राजनीति की दिशा में कदम बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि देश में स्थायी बदलाव ला सकें.
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