बुलंदशहर का अनोखा बच्चा: आंखों का रंग बदलने का दावा, कुदरत का करिश्मा या भ्रम?

बुलंदशहर में डेढ़ वर्ष का मासूम बच्चा अर्श इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है.

Unique child of Bulandshahr Claim of changing eye colour
बुलंदशहर का अनोखा बच्चा

उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ स्थानीय लोगों को आश्चर्यचकित किया है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तहलका मचा दिया है. बुलंदशहर में डेढ़ वर्ष का मासूम बच्चा अर्श इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है. उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि अर्श की आंखें खुद-ब-खुद रंग बदल लेती हैं. परिवार का कहना है कि बच्चे को जिस रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं, उसकी आंखें उसी रंग की हो जाती हैं. यह अनोखी बात लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है और अर्श अब सोशल मीडिया का स्टार बन चुका है.

परिवार का दावा और कुदरत का करिश्मा

अर्श का परिवार कोतवाली नगर क्षेत्र की बीसा कॉलोनी में रहता है. उसके पिता असलम पाइपलाइन का काम करते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य है. अर्श की मां नाजरीन और परिजनों का कहना है कि जब से उन्होंने इस बात पर गौर किया, उन्हें यह चमत्कार जैसा लगा. उनके मुताबिक, अगर अर्श को लाल रंग का कपड़ा पहनाया जाए तो उसकी आंखें लाल, नीला पहनाया जाए तो नीली और हरा पहनाया जाए तो हरी दिखने लगती हैं. परिवार ने इसे कुदरत का करिश्मा करार दिया है. परिजनों ने बच्चे को डॉक्टर को भी दिखाया, जहां डॉक्टर ने उसे पूरी तरह स्वस्थ बताया और कहा कि उसकी आंखों में कोई समस्या नहीं है. डॉक्टर के इस बयान से परिवार का विश्वास और बढ़ गया कि यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि प्रकृति का अनोखा तोहफा है.

अर्श की इस खासियत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग उसे देखने के लिए दूर-दूर से बुलंदशहर पहुंच रहे हैं. कोई उसका वीडियो बना रहा है तो कोई उसके साथ सेल्फी ले रहा है. अर्श के घर के बाहर अब लोगों की भीड़ जमा होने लगी है, जो इस नन्हे बच्चे की आंखों के इस कथित चमत्कार को अपनी आंखों से देखना चाहते हैं.

डॉक्टर की राय: भ्रम या हकीकत?

हालांकि, इस मामले में मेडिकल साइंस का नजरिया कुछ और कहता है. जब हमने शहर के जाने-माने आंखों के डॉक्टर से बात की तो उन्होंने इसे महज एक भ्रम बताया. डॉक्टर का कहना है कि मेडिकल साइंस में ऐसा कोई उदाहरण या प्रमाण नहीं है कि कपड़ों के रंग बदलने से आंखों का रंग भी बदल जाए. उनके अनुसार, कभी-कभी आंखों के रंग से मिलते-जुलते कपड़े पहनने पर कॉर्नियल रिफ्लेक्शन (आंख की कॉर्निया में प्रकाश का परावर्तन) के कारण ऐसा प्रतीत हो सकता है कि आंखों का रंग बदल गया हो. लेकिन यह एक ऑप्टिकल भ्रम मात्र है, वास्तव में ऐसा होता नहीं है. डॉक्टर ने यह भी जोड़ा कि अर्श को बिना देखे कुछ भी निश्चित तौर पर कहना मुश्किल है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह संभव नहीं लगता.

सोशल मीडिया पर हलचल

अर्श का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है. लोग इसे कुदरत का करिश्मा मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे कोरी अफवाह या भ्रम बता रहे हैं. वायरल वीडियो में अर्श को अलग-अलग रंग के कपड़ों में दिखाया गया है, जिसमें उसकी आंखें कपड़ों के रंग से मिलती-जुलती नजर आ रही हैं. इस अनोखे दावे ने न सिर्फ बुलंदशहर, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में लोगों का ध्यान खींचा है. कोई इसे चमत्कार कह रहा है तो कोई इसे विज्ञान से जोड़कर देख रहा है.

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