'लोकतंत्र को, एक तंत्र बनाने से रोकने के लिए समझदार मतदाताओं का धन्यवाद', अखिलेश का संसद में सरकार पर निशाना

    ससंद सत्र की कार्यवाही में मंगलवार को कन्नौज से सांसद और उत्तर प्रेदश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी बात रखते हुए सत्ता पक्ष को जमकर निशाने पर लिया

    'लोकतंत्र को, एक तंत्र बनाने से रोकने के लिए समझदार मतदाताओं का धन्यवाद', अखिलेश का संसद में सरकार पर निशाना
    संसद भवन में अखिलेश यादवः फोटो-संसद टीवी

    नई दिल्ली : ससंद सत्र की कार्यवाही में मंगलवार को कन्नौज से सांसद और उत्तर प्रेदश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी बात रखते हुए सत्ता पक्ष को जमकर निशाने पर लिया और उत्तर प्रदेश की जनता खासकर अयोध्या के लोगों की समझदारी से वोट देने के लिए धन्यवाद किया. 

    अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन की को कामयाब बताया जबकि एनडीए को नाकाम. उन्होंने कहा, "सभी समझदार, ईमानदार मतादाताओं का धन्यवाद, जिन्होंने लोकतंत्र को एक तंत्र बनाने से रोका. चुनाव में कहा गया 400 पार. मैं समझदार जनता को धन्यवाद कहूंगा."

    यादव ने इस पर एक शेर पढ़ते हुए कहा, "आवाम ने तोड़ दिया हुकूमत का गुरूर, दरबार तो लगा है बड़ा गमगीन, है बेनूर".

    अखिलेश ने कहा कि दरबार तो लगा है, पर बड़ा ग़मगीन, बेनूर है. पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है. जनता कह रही है चलने वाली नहीं, ये गिरने वाली सरकार है.

    उन्होंने फिर तुकबंदी के साथ बोलते हुए कहा- क्योंकि ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में जो है अटकी हुई वो तो कोई सरकार नहीं.

    चुनाव में इंडिया PDA और INDIA गठबंधन की नैतिक जीत हुई : अखिलेश

    उन्होंने कहा कि पूरा इंडिया समझ गया है कि इंडिया (INDIA bloc) ही असली इंडिया है. चुनाव में इंडिया अलायंस की नैतिक जीत हुई है. ये पीडीए (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक), इंडिया गठबंधन की नैतिक जीत हुई है. ये पीडीए और सकारात्मक राजनीति की जीत हुई है. 

    "ये इंडिया, पीडीए की सामाजिक न्याय की जीत है. 2024 को परिणाम हम इंडिया वालों के लिए जिम्मेदारी से भरा पैगाम भी है. 15 अगस्त 1947 औपनिवेशिक राजनीति (अंग्रेजों की हुकूमत) से आजादी का दिन था तो 4 जून 2024 को साम्प्रदायिक राजनीति से आजादी का दिन था. ये साम्प्रदायिक राजनीति का अंत और सामुदायिक राजनीति की शुरुआत है. साम्प्रदायिक राजनीति की हमेशा के लिए हार हो गई है."

    यूपी की इकोनॉमी 1 ट्रिलियन बनाने के दावे पर उठाया सवाल 

    उन्होंने कहा कि कहने को सरकार तो कहती है वह दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है, लेकिन ये सरकार क्यों छुपाती है कि अगर हम 5वें नंबर पर हैं तो हमारे देश के पर कैपिटा इनकम (Per capita income) यानि प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर है? 

    अगर दिल्ली की सरकार ने कहा की देश को 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाएंगे तो जहां से प्रधानमंत्री जी चुनकर आते हैं यानि कि उत्तर प्रदेश की सरकार कह रही है कि हम भी 1 ट्रिलियन की इकोनॉमी यूपी की बना लेंगे. 

    उन्होंने इन दावों पर सवाल उठाते हुए कहा,  "लेकिन उत्तर प्रदेश को अगर 1 ट्रिलियन की इकेनॉमी बनना है तो उसे 35% की जीडीपी ग्रोथ चाहिए. मुझे नहीं लगता कि ये ग्रोथ उत्तर प्रदेश हासिल कर पाएगा."

    सरकार पर भूख सूचकांक और खुशहाली सूचकांक को छुपाने का लगाया आरोप

    "हम हंगर इंडेक्स (भूख सूचकांक) पर कहां खड़े हैं. नीचे से हम कहां हैं. जो 5वीं अर्थव्यवस्था की बात कर रहे हैं वो असामनता के आंकड़े पर कहां खड़े हैं. वो हैपीनेस इंडेक्स (खुशहाली सूचकांक) में किस पायदान पर खड़े हैं. और जो लोग चुनाव को अपने तरीके से मोड़ते हैं उन्हें कहना चाहता हूं कि इस चुनाव में लोगों ने तोड़ने वाली राजनीति को तोड़ दिया और जोड़ने वाली राजनीति की जिताया है."

    उन्होंने कहा, इस चुनाव में धन, छल, बल के नकामरात्मक राजनीति की शिकस्त हुई है. इस चुनाव ने सकारात्मक राजनीति का नया दौर शुरू किया है. इस बार प्रो कॉन्स्टिट्यूशन वालों की जीत हुई है. संविधान ही संजीवनी है, उसकी जीत हुई है. संविधान रक्षकों की जीत हुई है. अब ऊपर से नीचे की राजनीति का अंत हो गया है. अब नीचे से समाज की जो आवाज उठेगी, वही राजनीति का आधार बनेगी. 

    देश मनमर्जी नहीं जनमर्जी से चलेगा : अखिलेश यादव

    अखिलेश ने चुनाव से निकले संदेश की बात करते हुए कहा, "मैं कहना हूं चाहता हूं कि देश किसी की निजी महत्वाकांक्षा से नहीं, जन आकांक्षा से चलेगा. मतलब की अब मनमर्जी नहीं, जनमर्जी चलेगी. इस चुनाव का बड़ा पैगाम यही है." 

    "उत्तर प्रदेश जिसने दूसरे दलों (कांग्रेस-बीजेपी) को समर्थन देकर सरकार बनाई. मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं कि लोग क्योटो की फोटो लेकर बनारस की गलियों से गंगा जी तक ढूढ़ रहे हैं कि उनको लगता है जिस दिन मां गंगा साफ हो जाएंगी उन्हीं की गोंद में कहीं क्योटो मिल जाएगा. बनारसी चाहते हैं कि कोई गंगा के तल में उतरकर उसका भी दर्द जाने." 

    यह भी पढ़े:  नौसेना अग्निवीर एडमिट कार्ड 2024 SSR, MR के लिए वेबसाइट पर हुआ जारी

    "यूपी को लोग बस यही आग्रह करते हैं कि जिस गंगा जल को लेकर कसम खाई जाती है, कम से कम उस गंगा जल को लेकर झूठ न बोला जाए. जहां विकास के नाम पर खरबों रुपये की लूट का राज खोलते भ्रष्टाचार के गड्ढे प्रदेश का नाम खराब कर रहे हैं, वहीं पहली बारिश में टपकती छत और स्टेशन (अयोध्या) की गिर चुकी दीवार बेईमानी की निशानी बन गई है." 

    विकास का ढिंढोरा पीटने वाले इस विनाश की जिम्मेदारी कब लेंगे. और रही सच्चे विकास की बात तो हमने जो सड़क बनवाई उस पर हवाई जहाज उतरे थे, और आज उत्तर प्रदेश की मुख्य नगरी में सड़कों पर नाव उतरी हैं. उन्होंने ये बात लखनऊ समेत शहरों में सड़कों पर भरे पाने को लेकर कही.

    अखिलेश ने कहा, यही स्मार्ट सिटी के जुमले का भी हाल है, कहा लोगों को कोई बुनियादी सुविधाएं नहीं मिली हैं. 

    यह भी पढ़े:   केन्या में टैक्स विरोधी प्रदर्शन में 39 की मौत, 360 से अधिक घायल

    उत्तर प्रदेश में छुट्टा घूम रहे जानवारों पर लगाम का मुद्दा उठाया

    अखिलेश ने कहा, "मुझे याद है कि देश के प्रधान सांसद जी (मोदी) ने अवारा पशुओं के बारे में बहुत कुछ कहा था, इनसे छुटकारा दिलाने का वादा किया था लेकिन कई चुनाव बीत गए, गन्ने के भुगतान का वचन दिया था, उसका भी पता नहीं है. हर बात को जुमला बना देने वालों से जनता का विश्वास उठ गया है. इसीलिए बहुमत की सरकार नहीं, सहयोग से चलने वाली सरकार बनी है. डबल इंजन के नाम पर उत्तर प्रदेश को टकराहट के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ है. प्रभुत्व की लड़ाई दो लोगों (मोदी-योगी) को आपस में लड़ा रही है, लेकिन उसकी मार जनता को सता रही है."

    भारत