नई दिल्ली : दिल्ली में 1939 में संघ का कार्यालय बनने की शुरुआत हुई थी और 80 के दशक के आस-पास दूसरी मंजिल बनकर पूरी तरह तैयार हुई थी. इसका नाम केशव स्मारक समिति है. 5 लाख स्क्वायर फीट का यह एरिया कुल 4 एकड़ में फैला हुआ है. इसमें कुल 3 टावर हैं, जिनमें कमरे और अन्य चीजें हैं.
टॉवर 1- साधना
टॉवर 2- प्रेरणा
टॉवर 3- अर्चना रखा है.
इसमें लगभग 300 कमरे बनाए गए हैं. पार्किंग के लिए 270 गाड़ियों की व्यवस्था है.
इसमें अपनाया गया है भारतीय स्थापत्य कला का नमूना
इसमें भारतीय स्थापत्य कला का नमूना अपनाया गया है. इस कार्यालय को बनाने में लगभग 75 हजार लोगों ने दान दिया है. इसको बनाने के लिए 2016 में भूमि पूजन हुआ था. सितंबर 2024 तक इसमें सारा काम-काज शिफ्ट हो गया था. उस समय असलिपीएस कंपनी ने इसको बनाया. यूनिटी कंपनी ने भी अपना योगदान दिया. इसमें संघ के हाल भी बने हैं, जिसका नाम अशोक सिंघल सभागार रखा गया है, जिसमें कुल 4 से 6 हाल बनाये गए हैं.
अभी जल बोर्ड के पानी से काम चल रहा है. इसे सोलर के जरिए 140 केबी बिजली मिलेगी.
इसमें एक हजार चौखट बनाए गए हैं. जो ग्रेनाइट से बना है. सीवेज ट्रीटमेंट प्लान भी यहां लगाया है. टावर 2 भवन मूलतः निवास के लिए है जहां पदाधिकारी रुकते हैं.
टॉवर 1 में दिल्ली प्रदेश प्रान्त का कार्यालय मौजूद है
टॉवर 01 में दिल्ली प्रदेश प्रान्त का कार्यलय बनाया गया है, जिसमें 10वी मंजिल पर वाचनालय बनाया गया है जहां अध्ययन की व्यवस्था है. यहां 8 हजार 500 पुस्तकें हैं. एक 5 बेड का छोटा सा अस्पताल भी बनाया गया है.
9वें फ्लोर पर पत्रकार परिषद की व्यवस्था है. संघ प्रमुख जब भी आएंगे तो वह टॉवर 1 प्रेरणा में ही रुकेंके.
टॉवर 3 में 80 लोगों के रुकने की है व्यवस्था
इसमें टॉवर 3 में 80 लोग रुक सकते हैं. संघ स्थान भी है, जहां शाखा चलाई जाएगी. भोजनालय में अभी एक साथ 80 लोग चेयर पर बैठकर भोजन कर सकतें हैं.
लगभग 150 करोड़ की लागत से बनाया गया है केशव स्मारक समिति नाम से बना संघ का दिल्ली कार्यालय 75 हजार लोगो ने चंदा दिया है, पर्ची कटाई गई है.
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