झारखंड में बिरसा मुंडा ने जैसा संघर्ष किया, हमारे सामने वैसे हालात, मनुवादियों से हारेंगे नहीं: हेमंत सोरेन

झारखंड के पूर्व सीएम ने कहा- 'मनुवादी' विचार आज भी अपने विस्तार में सफल हो रहा. लेकिन, हमने अपनी हार नहीं मानी है. हमें डराने की कोशिश करेंगे, लेकिन डरने की जरूरत नहीं.

झारखंड में बिरसा मुंडा ने जैसा संघर्ष किया, हमारे सामने वैसे हालात, मनुवादियों से हारेंगे नहीं: हेमंत सोरेन
झारखंड की राजधानी रांची में पत्रकारों से बात करते हुए जेल से बाहर आए पूर्व सीएम हेमंत सोरेन | Photo- ANI के वीडियो से ग्रैब्ड.

नई दिल्ली : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता ने हेमंत सोरेने 5 महीने बाद जेल से आने के बाद शनिवार को रांची में पत्रकारों से बात करते हुए मौजूदा केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने अपनी लड़ाई को बिरसा मुंडा से जोड़ते हुए कहा कि जिस तरह उन्होंने मनुवादी ताकतों से लड़ा आज हम भी वैसी मनुवादी ताकतों से लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मनुवादी विचार आज भी अपना पैर पसारने में कामयाब हो रहा है लेकिन हम लोगों ने हार नहीं मानी है. हम अपने वीर शहीदों के आदर्शों को अपने कंधों पर आगे लेकर बढ़ रहे हैं. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं.

गौरतलब है कि आदिवासी नेता बिरसा मुंडा ने आजादी के लड़ाई के समय अंग्रेजों के खिलाफ जोरदार लड़ाई लड़ी थी और अंग्रेजों के दांत खट्टे किए थे. उन्होंने आदिवासियों, गरीबों, वंचितों, किसानों की लड़ाई लड़ी थी. उन्हें झारखंड में भगवान के बराबर पूजा जाता है. 

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जो कठिनाइयां बिरसा मुंडा ने झेली, वैसे हालात का सामना कर रहे : हेमंत 

हेमंत सोरेन ने पत्राकारों से बात करते हुए कहा, "मैंने भगवान बिरसा मुंडा को नमन किया है. उन्हें जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, कमोबेश आदिवासी, किसान और अल्पसंख्यक आज भी उसी तरह की स्थिति का सामना कर रहे हैं. 'मनुवादी' विचार आज भी अपने विस्तार में सफल हो रहा है. लेकिन, हमने अपनी हार नहीं मानी है और आगे बढ़ रहे हैं... झारखंड वीरों की भूमि है, कई लोग हमें डराने की कोशिश करेंगे, लेकिन यह क्षणिक है, हमें डरने की जरूरत नहीं है..."

उन्होंने कहा, "आज तक जो भी हमें हासिल हुआ है, संघर्ष के माध्यम से हासिल हुआ है. इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए हमारी आने वाली पीढ़ी मजबूती से आगे बढ़े, उनकी संस्कृति-सभ्यता मुताबिक चीजें आगे बढ़ें, इसके लिए हम लोग काम करेंगे."

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बूढ़ा पहाड़ जैसे दुर्गम इलाके के विकास का किया जिक्र

एक सवाल के जवाब में कि रांची के लोग तो आप से मिल लिए लेकिन राज्य में बाकी जिलों के लोगों से किस तरह मिलने जाएंगे. इस पर उन्होंंने कहा, "भगवान ने हमें पैर देकर पैदा किया है. हमारी कदमें वहां तक जाती हैं, जहां तक न गाड़ी जा पाती है, न घोड़ा जा पाता है, लेकिन हम जरूर वहां तक पहुंचते हैं. आपने सुना ही है बूढ़ा पहाड़ (राज्य के एक इलाके का नाम) जैसे दुर्गम इलाके में हम गए. वहां के लोगो के साथ खाना खाए थे. आज बूढ़ा पहाड़ के गांवों के लोगों को जाकर देखिए, वहां के लोगों के चेहरे पर किस रफ्तार के साथ मुस्कान आ रही है. लेकिन इतने से काम नहीं होगा. हमें और संघर्ष की जरूरत है."

बता दें कि हेमंत सोरेन उन झारखंड के जंगलों के उन दुर्गम इलाकों की बात कर रहे थे जहां किसी भी साधन से पहुंचना आसान नहीं. वहां जाने के लिए एकमात्र पैदल रास्ता है. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक बूढ़ा झारखंड नक्सलियों का गढ़ माना जाता है यहां घने जंगलों में नक्सलियों की अदालतें लगती थीं, इनके फैसले इलाके के लोगों को मानने पड़ते थे और यहां विकास की कोई भी योजना बहुत मुश्किल से पहुंच पाती हैं. गुफाओं से घिरे इस पहाड़ तक आने का कोई रास्ता नहीं है. 

2023 में हेमंत ने बूढ़ा पहाड़ के लिए 100 करोड़ की योजना का किया है ऐलान

सीएम हेमंत सोरेन ने जनवरी 2023 के आखिर में बूढ़ा पहाड़ के दुर्गम इलाके में पहुंचे थे. उन्होंने इस दौरान यहां के लिए 100 करोड़ रुपये की योजना का ऐलान किया था. वहां को लोगों में उम्मीद जगी है कि अब इलाके का विकास होगा. इस योजना का नाम बूढ़ा पहाड़ विकास परियोजना (बीपीडीपी) नाम दिया गया है.

झारखंड के अधिकारियों के मुताबिक यह योजना गढ़वा में टिहरी पंचायत के 11 गांवों और लातेहार में अक्सी पंचायत के 11 गांवों तक पहुंचेगी. 100 करोड़ से यहां कुल 175 योजनाएं शुरू की गई हैं. सीएम सोरेन ने कहा था जरूरत पड़ने पर इस रकम को 500 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा. 

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