नई दिल्ली : गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीट (NEET) परीक्षा कराने वाले अधिकारियों पर धांधली के आरोप लगाए हैं. उन्होंने नीट के डिप्टी सेंटर सुपरिटेंडेंट और नीट परीक्षा के सिटी कोऑर्डिनेटर पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
शक्ति सिंह गोहिल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरन कहा, "NEET पेपर लीक मामले का पहला आरोपी है- तुषार रजनीकांत भट्ट. ये जय जलाराम स्कूल में पढ़ाता है और NEET का डिप्टी सेंटर सुपरिटेंडेंट है. दूसरा आरोपी है- पुरुषोत्तम महावीर प्रसाद. यह NEET परीक्षा के लिए सिटी कोऑर्डिनेटर है और जय जलाराम स्कूल का प्रिंसिपल है."
उन्होंने कहा, "इनका काम परीक्षा खत्म होते ही पेपर को बक्से में सील कर तुरंत कोरियर करना था. लेकिन इन्होंने परीक्षा खत्म होने के बाद बक्से खोलकर पेपर में सही उत्तर टिक किए और फिर बक्सों को भेजा."
ये जानकारी डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस के एफआईआर में सामने आई है. ये दोनों लोग जेल के अंदर हैं.
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गोहिल ने कहा- कुल पांच लोगों के यहां छापे में करोड़ों रुपये मिले हैं
गोहिल ने कहा, "इस मामले में 3 लोग और पकड़े गए हैं, जिनमें परशुराम, विनोद आनंद, आरिफ वाहोरा थे. इनका काम छात्रों के परिवार से पैसे और ब्लैंक चेक लेना था. इन सभी पांचों के यहां छापे पड़े तो इनके यहां करोड़ों रुपये मिले हैं."
उन्होंने कहा, "इसमें बताया गया है कि महाराष्ट्र, ओडिशा और बिहार समेत कई राज्यों से छात्र गोधरा में परीक्षा देने आए थे, क्योंकि यहां उनकी पहले से ही सेटिंग हो गई थी. उन छात्रों से एडवांस में पैसे और ब्लैंक चेक लिए गए. साथ ही कहा गया कि NEET का एप्लिकेशन भरते समय सेंटर के लिए 'जय जलाराम स्कूल' गुजराती मीडियम का नाम लिखें. सेंटिंग ये थी कि जब छात्रों को एडमिशन मिल जाएगा तो ब्लैंक चेक में पैसे भरे जाएंगे."
कांग्रेस नेता ने कहा, "आरिफ वाहोरा BJP के अल्पसंख्यक विभाग का वाइस प्रेसिडेंट है. इसने पेपर लीक से जुड़ा अपना काम बड़ी ही सफाई से कर दिया था, लेकिन जब कुछ लोगों ने कलेक्टर से धांधली की शिकायत की तब जाकर मामले की जांच हुई. जिसमें पता चला कि जय जलाराम से जुड़े कई स्कूलों में NEET पेपर लीक की धांधली हुई है."
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शक्ति सिंह ने सवाल करते हुए कहा-
1. सरकार ने पेपर लीक मामले में सब जानते हुए भी सुप्रीम कोर्ट में झूठ क्यों बोला?
2. पुलिस जांच में सारे सबूत सामने आने के बाद भी शिक्षा मंत्री ने क्यों कहा कि NEET में कोई धांधली नहीं हुई है.
3. जो स्कूल हर समय धांधली करते हैं, उन्हें NEET का सेंटर क्यों दिया गया?
4. NEET पेपर लीक की जांच में सिर्फ छोटी मछलियों को पकड़कर, बड़े मगरमच्छों को क्यों छोड़ा जा रहा है?
5. जय जलाराम स्कूल के चेयरमैन को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
6. जय जलाराम स्कूल को कितने सेंटर दिए गए थे?
7. जय जलाराम स्कूल ने मौजूदा सरकार की पार्टी को फंड में कितने पैसे दिए हैं?
वहीं इस मामले पर काफी बवाल मचने के बाद नीट पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. सीबीआई ने बिहार समेत राज्यों से कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है.
संसद में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से नीट मुद्दे पर बहस की अपील की
संसद में इस मामले को लेकर विपक्ष चर्चा की मांग कर रहा था लेकिन चर्चा न कराने पर मचे हंगामे बाद संसद की कार्यवाही 1 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नीट परीक्षा मुद्दे पर "रचनात्मक बहस" करने और छात्रों को वह सम्मान देने का आग्रह किया, जिसके वे हकदार हैं, लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने इस पर चर्चा करने से मना कर दिया. वहीं विपक्ष सड़क पर भी इस मामले को उठा रहा है.
राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, "भारत का विपक्षी दल नीट परीक्षा और मौजूदा पेपर लीक मुद्दे पर सरकार के साथ रचनात्मक बहस करना चाहता है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें आज संसद में ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई. यह एक गंभीर चिंता का विषय है, जिससे पूरे भारत में लाखों परिवार चिंतित हैं. हम प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर बहस करने और छात्रों को वह सम्मान देने का आग्रह करते हैं, जिसके वे हकदार हैं."
नीट परीक्षा में कथित अनियमितताओं पर विपक्ष ने अपना तीखा हमला जारी रखा और कांग्रेस और अन्य दलों ने सदन में चर्चा की मांग की है.
राज्यसभा में खरगे ने नीट का मुद्दा उठाया था, मचा हंगामा
वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को उस समय नया बवाल खड़ा कर दिया था जब वे सभापति जगदीप धनखड़ का ध्यान आकर्षित करने के लिए सदन के वेल में चले गए और NEET परीक्षा के मुद्दे पर चर्चा की मांग की.
खरगे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "नियम 267 के तहत हम सदन में इस पर विशेष चर्चा की मांग कर रहे हैं और उसके बाद हम अपनी मांगें बताएंगे."
राज्यसभा के वेल में प्रवेश करते हुए खरगे ने कहा, "यह उनकी (राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की) गलती है...मैं उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए अंदर गया था. लेकिन तब भी वे नहीं देख रहे थे...मैं ध्यान आकर्षित कर रहा था. वे केवल सत्ता पक्ष की ओर देख रहे थे. जब मैं नियमों के अनुसार उनका ध्यान आकर्षित करता हूं, तो उन्हें मेरी ओर देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने मेरा अपमान करने के लिए जानबूझकर मुझे अनदेखा कर दिया. तो मेरे लिए क्या बचा था? इसलिए ध्यान आकर्षित करने के लिए मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा. इसलिए मैं कहूंगा कि यह चेयरमैन साहब की गलती है."
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