नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक अंग्रेजी दैनिक अखबार में लिखे कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के लेख का बचाव किया है. सोनिया गांधी ने अपने लेख में पीएम मोदी पर केवल 'आम सहमति' का प्रचार करने आरोप लगाया है और कहा है कि हकीकत में वे वैसा नहीं कर रहे हैं. खरगे ने कल राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सदन की वेल में खुद के जाने का बचाव किया है और इसे उप सभापति जगदीप धनखड़ की गलती बताया है. उन्होंने उन पर अपना अपमान करने की बात कही है.
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक में लिखे गए संपादकीय का हवाला देते हुए, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हालिया संसदीय चुनावों में मतदाताओं द्वारा दिए गए संदेश पर ध्यान ना देने करने का आरोप लगाया.
Congress President Shri @kharge writes to the Rajya Sabha Chairman for an immediate discussion on the NEET and NET scandals and other paper leaks that have destroyed the future of lakhs of youth.
— Congress (@INCIndia) June 28, 2024
"That this House do suspend all listed businesses for the day to discuss the… pic.twitter.com/Xr9yGMcEgq
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खरगे ने भाजपा को जनादेश ना मिलने की बात को सही ठहराया
खरगे ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सीपीपी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी लिखती हैं कि, 'प्रधानमंत्री इस बात का कोई सबूत नहीं पेश कर हैं कि वह चुनावी नतीजों से सहमत हैं या मतदाताओं द्वारा उन्हें भेजे गए संदेश पर विचार कर रहे हैं."
अपने ट्वीट के साथ खरगे ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा लिखा गया समाचार लेख भी साझा किया है, जिसका शीर्षक है, "आम सहमति उपदेश देकर, टकराव को बढ़ाना"
अंग्रेजी समाचार दैनिक के अपने इस संपादकीय में गांधी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल का संबंध चुनावी नतीजों से नहीं है, क्योंकि इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है.
अंग्रेजी समाचार दैनिक में अपने संपादकीय में गांधी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री का तीसरा कार्यकाल चुनावी नतीजों का हिस्सा नहीं है, क्योंकि इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है.
2024 के चुनाव में भाजपा की सीटें घटीं, कांग्रेस की बढ़ीं
गौरतलब है कि, 2024 के आम चुनावों में, भाजपा की जीत की संख्या 2019 की 303 सीटों और 2014 में जीती गई 282 सीटों की तुलना में बहुत कम है. दूसरी ओर, कांग्रेस ने अपनी सीट में मजबूत इजाफा किया है और 2019 में 52 और 2014 में 44 सीटों की तुलना में 99 सीटें जीतीं.
शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान खरगे और अन्य विपक्षी सदस्य सदन के वेल में आ गए थे, जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वे खरगे के आचरण से दुखी हैं.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि विपक्ष लाखों छात्रों की चिंताओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है, जिन्होंने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (NEET-UG) परीक्षा दी है, जिसमें अब पेपर लीक के आरोपों की जांच सीबीआई कर रही है.
खरगे ने वेल में खुद के जाने का किया बचाव, कहा- ये धनखड़ की गलती है
खरगे ने कहा, "यह उनकी (राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ की) गलती है...मैं उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए अंदर गया था. लेकिन तब भी वे नहीं देख रहे थे...मैं ध्यान आकर्षित कर रहा था. वे केवल सत्ता पक्ष को देख रहे थे. जब मैं नियमों के अनुसार उनका ध्यान आकर्षित करता हूं, तो उन्हें मेरी ओर देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने मेरा अपमान करने के लिए जान-बूझकर मुझे नजरअंदाज कियाच. तो मेरे लिए क्या बचा था? इसलिए ध्यान आकर्षित करने के लिए मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा. इसलिए मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि यह चेयरमैन साहब की गलती है. मैं कहता हूं कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए और इस राज्यसभा की गरिमा बनाए रखनी चाहिए...इतने बड़े घोटाले हुए हैं, NEET परीक्षा, पेपर लीक हो गया है, लाखों बच्चे चिंतित हैं."
खरगे ने कहा, "इसलिए लोगों की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए हमने एक विशिष्ट चर्चा की मांग की. हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे, हम केवल छात्रों के मुद्दे उठाना चाहते थे... लेकिन उन्होंने इसे मौका ही नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया और इसीलिए हमें यह करना पड़ा." 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून को नए सदस्यों के शपथ ग्रहण के साथ शुरू हुआ. राज्यसभा का सत्र 27 जून को शुरू हुआ.
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