उमर अब्दुल्ला के अफजल गुरु की फांसी पर बयान को मनोज तिवारी ने लपका, बताया भारत विरोधी, SC विरोधी

    उन्होंने टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और पूछा कि क्या कांग्रेस नेता जम्मू-कश्मीर में अपने सहयोगी की ऐसी टिप्पणियों से सहमत हैं.

    उमर अब्दुल्ला के अफजल गुरु की फांसी पर बयान को मनोज तिवारी ने लपका, बताया भारत विरोधी, SC विरोधी
    बीजेपी नेता और सांसद मनोज तिवारी उमर अब्दुल्ला के बयान को लेकर बोलते हुए | Photo- ANI

    नई दिल्ली : भाजपा नेता मनोज तिवारी ने शनिवार को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी को लेकर उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी की निंदा की और कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने ऐसी टिप्पणी की है जो "देश विरोधी" है और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ है.

    उन्होंने टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और पूछा कि क्या कांग्रेस नेता जम्मू-कश्मीर में अपने सहयोगी की ऐसी टिप्पणियों से सहमत हैं.

    यह भी पढे़ं : कांग्रेस-AAP गठबंधन पर सांसद ने कहा- हर सीट पर लड़ने को तैयार, जो हमें कम आंकेगा, वो पछताएगा

    उमर अब्दुल्ला पर लगाया आतंकवाद का पक्ष लेने का आरोप

    भाजपा सांसद ने उमर अब्दुल्ला पर "आतंकवादी का पक्ष लेने" का आरोप लगाया.

    तिवारी ने कहा, "उमर अब्दुल्ला का यह बयान सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को सीधी चुनौती है. अफजल को इसलिए फांसी दी गई क्योंकि उसने संसद पर हमले की योजना बनाई थी. आतंकवादी संसद में घुसने में सफल नहीं हुए लेकिन हमारे करीब एक दर्जन सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई. उमर अब्दुल्ला का आतंकवादी का पक्ष लेना सीधे तौर पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ है."

    उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि ये लोग सीएम की कुर्सी पर भी रह चुके हैं और देश विरोधी और सुप्रीम कोर्ट विरोधी बयान दे रहे हैं. क्या इसी वजह से राहुल गांधी उमर अब्दुल्ला की पार्टी के साथ सहमत हो गए हैं?"

    इंटरव्यू में उमर अब्दुल्ला ने अफजल गुरु को फांसी पर कही ये बात

    उमर अब्दुल्ला ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि अफजल गुरु को "फांसी" देने से कोई मकसद पूरा हुआ.

    अब्दुल्ला ने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जम्मू-कश्मीर सरकार का अफजल गुरु की फांसी से कोई लेना-देना नहीं था. अन्यथा, आपको राज्य सरकार की अनुमति से ऐसा करना पड़ता, जिसके बारे में मैं आपको स्पष्ट शब्दों में बता सकता हूं कि ऐसा नहीं होता. हम ऐसा नहीं करते. मुझे नहीं लगता कि उसे फांसी देने से कोई उद्देश्य पूरा हुआॉ."

    जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव, दो जगहों से लड़ रहे अब्दुल्ला

    जम्मू-कश्मीर में 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे. वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी.

    अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में ये पहला विधानसभा चुनाव है. उमर अब्दुल्ला दो निर्वाचन क्षेत्रों - गंदेरबल और बडगाम से चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस सहयोगी के तौर पर मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.

    यह भी पढे़ं : अमेरिकी चुनाव में कमला हैरिस के अभियान ने अगस्त में 361 मिलियन डॉलर दान जुटाए, ट्रंप से 3 गुना ज़्यादा

    भारत